24 News Update उदयपुर। राजस्थान के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के सेवानिवृत्त प्रोफेसर और कर्मचारियों को पिछले सात महीनों से पेंशन नहीं मिलने की गंभीर समस्या पर मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर में शुक्रवार को राजीव गांधी स्टडी सर्कल के बैनर तले एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में उच्च शिक्षा जगत के कई शिक्षाविदों, समन्वयकों और पदाधिकारियों ने भाग लिया और सरकार तथा विश्वविद्यालय प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया।
“सेवानिवृत्त शिक्षकों के साथ अन्याय” – प्रो. दरियाव सिंह चुंडावत
राजीव गांधी स्टडी सर्कल के राज्य सह समन्वयक प्रो. दरियाव सिंह चुंडावत ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा, “राज्य सरकार को विश्वविद्यालयों की पेंशन समस्या का त्वरित समाधान करना चाहिए। एक शिक्षक जीवनभर विद्यार्थियों का भविष्य संवारता है, और वृद्धावस्था में पेंशन के लिए दर-दर भटकना अत्यंत दुःखद है। यदि सरकार ने शीघ्र निर्णय नहीं लिया, तो राजीव गांधी स्टडी सर्कल शिक्षकों के साथ मिलकर राज्य व राष्ट्र स्तर पर आंदोलन छेड़ेगा।”
“कॉलेज शिक्षकों को समय पर पेंशन, फिर विश्वविद्यालय शिक्षकों के साथ भेदभाव क्यों?” – डॉ. देवेन्द्र सिंह राठौड़
डॉ. देवेन्द्र सिंह राठौड़, जिला समन्वयक, ने सवाल उठाया कि जब सरकारी कॉलेजों के शिक्षकों को समय पर पेंशन मिल रही है, तो शोध से जुड़े विश्वविद्यालय के कार्मिकों के साथ यह दोहरी नीति क्यों अपनाई जा रही है?
“पेंशन ही एकमात्र सहारा” – डॉ. गिरिराज सिंह चौहान
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय समन्वयक डॉ. गिरिराज सिंह चौहान ने कहा, “सेवानिवृत्त शिक्षक के लिए पेंशन ही एकमात्र आर्थिक सहारा है। समय पर भुगतान न होना उसे मानसिक और आर्थिक संकट में डाल देता है। यह एक गंभीर मामला है, जिसका समाधान अब और विलंबित नहीं होना चाहिए।”
“पेंशन नहीं, तो पांच से अधिक शिक्षकों की मृत्यु” – डॉ. भानू कपिल
भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय समन्वयक डॉ. भानू कपिल ने प्रशासन की लापरवाही पर आक्रोश जताते हुए बताया कि, “पेंशन न मिलने के कारण अब तक 5 से अधिक सेवानिवृत्त कर्मियों का निधन हो चुका है। कई विधवा माताएं और बहनें आज बेसहारा हैं। यह संवेदनहीनता शिक्षकों के प्रति शासन-प्रशासन के दायित्व को प्रश्नवाचक बनाती है।”
“सड़क पर कांपते हुए आंदोलन कर रहे हैं कुलगुरु स्तर के प्रोफेसर”
वक्ताओं ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में स्थित जोधपुर विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा पेंशन नियम लागू होने के बावजूद पेंशन का भुगतान रोका जाना सरकार की असंवेदनशीलता दर्शाता है। “जब देश के प्रतिष्ठित प्रोफेसर, जो कुलगुरु स्तर तक पहुंचे, सड़क पर गर्मी में कांपते शरीर से आंदोलन करें, तो यह शर्मनाक स्थिति है,” बैठक में यह टिप्पणी की गई।
राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री को भेजा गया ज्ञापन
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री तथा उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा गया है, जिसमें तत्काल हस्तक्षेप कर पेंशन भुगतान सुनिश्चित करने की मांग की गई है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो राज्यव्यापी और राष्ट्रस्तरीय आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
बैठक में बड़ी संख्या में शिक्षाविद हुए शामिल
इस बैठक में उदयपुर, जोधपुर और अन्य क्षेत्रों के विश्वविद्यालयों से जुड़े वर्तमान एवं पूर्व प्रोफेसर, राजीव गांधी स्टडी सर्कल के सदस्य तथा शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में पेंशन भुगतान को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की और सेवानिवृत्त शिक्षकों के साथ एकजुटता प्रकट की।
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