24 न्यूज अपडेट नेशनल डेस्क। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर लखनऊ की अदालत ने पेशी में अनुपस्थित रहने पर 200 रुपये का जुर्माना लगाया है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) कोर्ट ने उन्हें 14 अप्रैल 2025 को अनिवार्य रूप से अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। अदालत ने चेतावनी दी कि यदि वे इस तारीख को भी अनुपस्थित रहते हैं, तो कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मामला: सावरकर पर विवादित बयान
शिकायतकर्ता नृपेंद्र पांडेय के अनुसार, राहुल गांधी ने 17 दिसंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को ‘अंग्रेजों का नौकर’ और ‘पेंशन लेने वाला’ कहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बयान समाज में वैमनस्य और घृणा फैलाने की मंशा से दिया गया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहले से तैयार पर्चे भी पत्रकारों के बीच वितरित किए गए थे। इस बयान को लेकर भारतीय दंड संहिता की धारा 153(ए) और 505 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई थी।
राहुल गांधी के वकील का पक्ष
सुनवाई के दौरान राहुल गांधी की ओर से वकील प्रांशु अग्रवाल ने अदालत में पेशी से छूट की अर्जी दाखिल की। उन्होंने दलील दी कि राहुल गांधी इस समय लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं और उनकी मुलाकात एक विदेशी गणमान्य व्यक्ति से पूर्व निर्धारित थी। अन्य आधिकारिक कार्यों में व्यस्त होने के कारण वे अदालत में उपस्थित नहीं हो सके। उन्होंने आश्वासन दिया कि राहुल गांधी अदालत के आदेशों का सम्मान करते हैं और जानबूझकर पेशी से बचने का प्रयास नहीं कर रहे।
अदालत की सख्त चेतावनी
अदालत ने राहुल गांधी की अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए 200 रुपये का जुर्माना लगाया और 14 अप्रैल 2025 को अनिवार्य रूप से पेश होने का आदेश दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि वे अगली सुनवाई में भी अनुपस्थित रहते हैं तो गैर-जमानती वारंट जारी किया जा सकता है।
बरेली कोर्ट में भी वकीलों ने दाखिल किया वकालतनामा
राहुल गांधी के वकील प्रांशु अग्रवाल और यासीर अब्बासी लखनऊ कोर्ट से निकलकर बरेली पहुंचे। यहां उन्होंने बरेली कोर्ट में वकालतनामा दाखिल किया और राहुल गांधी का आधार कार्ड भी जमा किया। सरकारी वकील अचिन द्विवेदी ने इसकी पुष्टि की है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 2 अप्रैल को तय की है। इस दिन राहुल गांधी कोर्ट में पेश हो सकते हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान दिया गया बयान विवादों में
मामला लोकसभा चुनाव के दौरान का है, जब राहुल गांधी ने आर्थिक सर्वेक्षण कर संपत्ति के वितरण संबंधी टिप्पणी की थी। अखिल भारतीय हिंदू महासंघ मंडल के अध्यक्ष पंकज पाठक ने इस बयान से भावनाएं आहत होने का दावा करते हुए कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। पहले एमपी-एमएलए कोर्ट ने यह शिकायत खारिज कर दी थी, लेकिन बाद में सेशन कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया।
सुल्तानपुर में भी मानहानि का केस
राहुल गांधी के खिलाफ सुल्तानपुर के MP/MLA विशेष कोर्ट में मानहानि का मामला भी चल रहा है। 2018 में कर्नाटक में चुनावी सभा के दौरान अमित शाह पर की गई टिप्पणी के कारण भाजपा नेता ने उनके खिलाफ केस दर्ज कराया था। पिछले साल फरवरी में उन्हें कोर्ट से जमानत मिली थी और जुलाई में उन्होंने कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया था।
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