24 News Update उदयपुर. पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (WZCC) उदयपुर द्वारा आयोजित मासिक नाट्य संध्या ‘रंगशाला’ के तहत रविवार को नाटक ‘किस्से किनारों के’ का मंचन किया गया। जयपुर की ‘ब्रीदिंग स्पेस (भारत) – द आर्ट्स कलेक्टिव पीएल’ के कलाकारों ने इस नाटक को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत कर दर्शकों का दिल जीत लिया।
WZCC के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि हर माह आयोजित होने वाली इस श्रृंखला में इस बार सामाजिक अन्याय और उत्पीड़न के मुद्दों को मंच पर उतारा गया। इस नाटक का निर्देशन अभिषेक गोस्वामी ने किया।
संवेदनशील मुद्दों पर केंद्रित रहा नाटक
नाटक की शुरुआत आदम गोंडवी की प्रसिद्ध कविता ‘आइए महसूस करिए जिंदगी के ताप को’ से हुई, जिसने माहौल को गहरे भावनात्मक स्तर पर जोड़ दिया। इसमें प्रेमचंद की कहानी ‘सद्गति’, डॉ. भीमराव अंबेडकर की आत्मकथा ‘वेटिंग फॉर ए वीजा’, और ओमप्रकाश वाल्मीकि की कहानी ‘शवयात्रा’ के माध्यम से समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव और संघर्षों को उजागर किया गया।
नाटक के अंत में अली सरदार जाफरी की नज़्म ‘कौन आज़ाद हुआ’ प्रस्तुत की गई, जिसने दर्शकों को झकझोर कर रख दिया। इस दौरान मंच पर गूंजे हीरा डोम का गीत ‘ऐसे हम करमहीन…’ और आशु ठाकुर का ‘सूनी रे मढ़ैया मोरी’ ने दर्शकों की आंखें नम कर दीं।
दर्शकों ने सराहा, कलाकारों का हुआ सम्मान
नाटक की प्रस्तुति को कलाप्रेमियों और साहित्य अनुरागियों ने खूब सराहा। कार्यक्रम में WZCC के उपनिदेशक (कार्यक्रम) पवन अमरावत, सहायक निदेशक (वित्तीय एवं लेखा) दुर्गेश चांदवानी सहित शहर के कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकारों का सम्मान किया गया और संचालन सिद्धांत भटनागर ने किया।

