24 न्यूज अपडेट डूंगरपुर। डूंगरपुर जिले की साइबर क्राइम पुलिस ने एक सनसनीखेज साइबर ठगी मामले में मुख्य अपराधी को गिरफ्तार कर लिया है। इस शातिर अपराधी, प्रदीप कलाल, पर एक स्थानीय ई-मित्र संचालक से 11 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप है। इस मामले में पुलिस ने पहले ही तीन अन्य संलिप्त अपराधियों को हिरासत में ले लिया था, और अब इस चौथे आरोपी की गिरफ्तारी से जांच में नया मोड़ आया है।
मामला तब सामने आया जब बिलडी गांव के निवासी अनिल कलाल ने 8 जनवरी को साइबर थाने में शिकायत दर्ज की। अनिल ने अपनी शिकायत में खुलासा किया कि उनके चचेरे भाई, भावेश कलाल, ने कर्ज की राशि के नाम पर उनके बैंक खाते में 11 लाख रुपये जमा करवाए। इस लेनदेन के तुरंत बाद, बैंक ने संदिग्ध गतिविधियों का हवाला देते हुए अनिल का खाता फ्रीज कर दिया, जिससे वे आर्थिक संकट में फंस गए।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस मामले में पहले तीन आरोपियों—भावेश कलाल, विजेश कलाल और दीक्षित कलाल—को गिरफ्तार किया था। इन अपराधियों के पास से पुलिस ने कई चौंकाने वाली चीजें बरामद कीं, जिनमें एक आलीशान कार, 34 डेबिट कार्ड, 12 सिम कार्ड, 6 स्मार्टफोन, और चार बैंक पासबुक शामिल हैं। इसके अलावा, विदेशी ब्रांड के इत्र, महंगी कलाई घड़ियां, और एक हुक्का भी जब्त किया गया, जो इनके ऐशोआराम की जिंदगी की ओर इशारा करता है।
साइबर थाने के प्रभारी, गिरधारी सिंह, ने बताया कि गहन पूछताछ के दौरान यह सामने आया कि यह गिरोह देशभर में साइबर अपराधों का जाल बिछा चुका था। ये अपराधी डिजिटल अरेस्ट, ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कीम, फर्जी नौकरी के प्रस्ताव, और साइबर धमकियों जैसे हथकंडों का इस्तेमाल कर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। गिरफ्तार मुख्य आरोपी, प्रदीप कलाल, ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट से अस्थायी राहत हासिल कर रखी थी, लेकिन पुलिस ने अंततः उसे पकड़ने में सफलता हासिल कर ली। पुलिस अब प्रदीप से गहन पूछताछ कर रही है ताकि इस साइबर अपराध नेटवर्क के अन्य संभावित सदस्यों और पीड़ितों का पता लगाया जा सके। इस गिरफ्तारी को साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है, और पुलिस का कहना है कि वे इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए अपनी कार्रवाई को और तेज करेंगे।
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