सूरत। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सूरत में निर्माणाधीन मुंबई–अहमदाबाद बुलेट ट्रेन स्टेशन का दौरा किया और हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की प्रगति का विस्तृत निरीक्षण किया। उन्होंने परियोजना पर कार्यरत इंजीनियरों, तकनीकी टीमों और श्रमिकों से बातचीत कर कार्य की गति, समय-सीमा, तकनीकी प्रगति और भविष्य की चुनौतियों पर जानकारी ली।
👷♂️ टीम से संवाद: गर्व और समर्पण की भावनाएँ
🔹 केरल की एक इंजीनियर ने बताया कि नॉइज़ बैरियर फैक्ट्री (नवसारी) में रोबोटिक यूनिट्स के साथ काम करना उनके लिए ऐतिहासिक अनुभव रहा। उन्होंने इसे अपने परिवार के लिए “ड्रीम प्रोजेक्ट” और “गर्व का क्षण” बताया।
🔹 पीएम मोदी ने उनसे पूछा कि भारत की पहली बुलेट ट्रेन निर्माण यात्रा का उनका निजी अनुभव कैसा रहा।
🔹 एक कर्मचारी ने कविता के जरिये अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं—जिसकी प्रधानमंत्री ने सराहना की।
🔹 बेंगलुरु की इंजीनियर श्रुति, मुख्य इंजीनियरिंग मैनेजर, ने बताया कि
- हर चरण में कड़ी डिज़ाइन और इंजीनियरिंग कंट्रोल प्रक्रिया अपनाई जाती है
- टीम हर समस्या का विश्लेषण कर समाधान खोजती है
- “शून्य त्रुटि” के लक्ष्य से कार्य किया जा रहा है
प्रधानमंत्री ने टीम के समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा—
“जब राष्ट्र के लिए कुछ नया करने की भावना जागृत होती है, वही वास्तविक प्रेरणा बन जाती है।”
उन्होंने इसकी तुलना भारत के पहले उपग्रह प्रक्षेपण से करते हुए कहा कि आज भारत सैकड़ों उपग्रह प्रक्षेपित करने में सक्षम है।
📘 पीएम मोदी का सुझाव: ‘ब्लू बुक’ तैयार हो
प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि
- परियोजना में मिली सभी सीखों को दस्तावेज़ीकृत किया जाए
- एक ‘ब्लू बुक’ की तरह तैयार किया जाए
- ताकि भारत बुलेट ट्रेनों के बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन की ओर तेज़ी से बढ़ सके
- बार-बार प्रयोग करने के बजाय सीखों को दोहराने की जरूरत है
- यह रिकॉर्ड भावी छात्रों और इंजीनियरों को प्रेरित करेगा
उन्होंने कहा—
“हम अपना जीवन यहीं समर्पित करेंगे, और देश के लिए कुछ मूल्यवान छोड़ जाएंगे।”
🇮🇳 मुंबई–अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (एमएएचएसआर) कॉरिडोर — भारत का सबसे परिवर्तनकारी प्रोजेक्ट
- कुल लंबाई: 508 किमी
- गुजरात व दादरा–नगर हवेली: 352 किमी
- महाराष्ट्र: 156 किमी
- प्रमुख स्टेशन:
साबरमती, अहमदाबाद, आणंद, वडोदरा, भरूच, सूरत, बिलिमोरा, वापी, बोईसर, विरार, ठाणे, मुंबई
उन्नत इंजीनियरिंग तथ्य
- 85% मार्ग पुलों पर आधारित
- अब तक 326 किमी पुल निर्माण पूरा
- 25 में से 17 नदी पुल पूर्ण
- अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग
यात्रियों के लिए लाभ
- मुंबई–अहमदाबाद यात्रा समय 2 घंटे तक रह जाएगा
- यात्रा तेज, सुरक्षित और आरामदायक होगी
- व्यापार, पर्यटन, और आर्थिक गतिविधियों को बड़ा बढ़ावा मिलेगा
📍 सूरत–बिलिमोरा खंड: अंतिम चरण में
- कुल लंबाई: 47 किमी
- सिविल व ट्रैक बिछाने का कार्य पूरी तरह पूरा
- सूरत स्टेशन का डिज़ाइन शहर के विश्व प्रसिद्ध हीरा उद्योग से प्रेरित
- विशाल प्रतीक्षालय, शौचालय, रिटेल जोन, यात्री सुविधा पर खास ध्यान
- सूरत मेट्रो, सिटी बस और रेलवे से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी
⭐ श्रमिकों का उत्साह
श्रमिकों ने पीएम मोदी को आश्वासन दिया कि परियोजना
“बिना किसी कठिनाई के सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है।”
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी इस दौरे में मौजूद रहे।
भारत की यह पहली बुलेट ट्रेन परियोजना देश को हाई-स्पीड रेल युग में ले जाने वाली ऐतिहासिक उपलब्धि है। 🚄🇮🇳

