जयपुर, 14 दिसंबर। राजस्थान में विधायक निधि कोष में भ्रष्टाचार का मामला आज गरमाया हुआ है। हमाम में सब नंगे हैं यह सब जानते हैं लेकिन जब तक पोल नहीं खुलती तब तक कोई आरोप नहीं लगा सकता। आज संयोग ये हुआ कि भाजपा, कांग्रेस के साथ ही निर्दलीय भी पकड़े गए। ऐसे में करें तो क्या करें? इसलिए जांच का राग सामूहिक रूप से अलापा जा रहा है। इसके अलावा कोई चारा भी तो नहीं बचा है। क्योंकि खिलाड़ी जानते हैं कि खेल क्या है, रेफरी भी जानते हैं कि खेल क्या है, खेलने वाले भी जानते हैं कि खेल क्या है, जांच होनी है, दोषी पर कार्रवाई तो होनी ही है, सबको अपने अपने दलों को पाक—साफ जो निकालना है इस मामले में। सो अब उदारमना होकर जांच की जा रही है।
तो खबर ये है कि हाल ही में कांग्रेस विधायक अनीता जाटव सहित कुछ अन्य विधायकों पर निधि से काम स्वीकृत करने के बदले कमीशन लेने का आरोप लगा है। इस मामले का खुलासा एक स्टिंग ऑपरेशन के माध्यम से हुआ, जिसके बाद सियासत में भूचाल मच गया है।
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इस मामले की जांच की मांग करते हुए पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को पत्र लिखा। पत्र में निर्देश दिया गया है कि 7 दिन के भीतर एक तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार की जाए।
पार्टी की ओर से जल्द ही तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की जाएगी, जो विधायक के विरुद्ध आरोपों की गहन जांच करेगी। रिपोर्ट मिलने के बाद यदि अनीता जाटव दोषी पाई जाती हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी मामले पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि विधायक निधि में भ्रष्टाचार लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
विधायक अनीता जाटव से इस मामले में कई बार संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
Discover more from 24 News Update
Subscribe to get the latest posts sent to your email.