24 News Update उदयपुर। पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में राजकीय पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान में पृथ्वी की बिगड़ती सेहत का उपचार विषयक संगोष्ठी हुई। इसमें विद्यार्थियों ने प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की शपथ ली।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उपनिदेशक डॉ सुरेंद्र छंगाणी ने कहा कि पृथ्वी की दिन ब दिन सेहत बिगड़ रही है। इसके उपचार में देर नहीं होनी चाहिए। पृथ्वी की बिगड़ती सेहत का उपचार कई प्रकार से करना होगा, उनमें से एक है प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध। विश्व में ज्यों ज्यों प्लास्टिक का उपयोग बढ़ता ही जा रहा है त्यों त्यों पृथ्वी की सेहत बिगड़ती ही जा रही है। पृथ्वी की सेहत सुधारने के लिए प्लास्टिक के न्यूनतम उपयोग की तरफ बढ़ना होगा। डॉ. छंगाणी ने बताया कि प्लास्टिक के अधिकाधिक उपयोग का प्रभाव पशु के खाने में भी देखा जा रहा है।इससे पशु उत्पाद दूध एवं मांस में इसके अंश देखे गए हैं, ऐसे उत्पाद मनुष्यां द्वारा ग्रहण किए जाने पर उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल रहे है। साथ ही पशुधन नष्ट होने की संभावना एवं भूमि की उर्वरता क्षमता में कमी देखी जा रही है। अतः सबका दायित्व है कि प्लास्टिक का उपयोग न्यूनतम करें एवं दूसरों को भी इस हेतु प्रेरित करे। इस अवसर पर संस्थान की डॉ. पदमा मील ने बताया कि केवल यह एक दिन किया जाने वाला कार्य नही है, बल्कि इसे निरन्तर हमारी जीवन शैली में अपनाने की आवश्यकता है। डॉ. ओमप्रकाश साहू ने भी विचार व्यक्त किए। पशुपालन डिप्लोमा के विद्यार्थियों ने पृथ्वी दिवस पर प्लास्टिक का उपयोग नही करने का संकल्प लिया एवं पशु चिकित्सालय में आए पशुपालकों को भी इसका उपयोग नहीं करने की सलाह दी।
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