24 News Update Udaipur: राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (RUHS) में एक गैर-चिकित्सक डॉक्टर को वाइस चांसलर (VC) नियुक्त किए जाने पर चिकित्सक समुदाय में जबरदस्त आक्रोश है। इस फैसले को लेकर राजस्थान राज्य चिकित्सा संघ (अरिसदा) के उदयपुर के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा और इस नियुक्ति पर तुरंत पुनर्विचार करने की मांग की। चिकित्सकों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द कोई कार्रवाई नहीं की, तो वे प्रदेशव्यापी आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
मेडिकल यूनिवर्सिटी में गैर-चिकित्सक VC स्वीकार नहीं – अरिसदा
अरिसदा के प्रदेश महासचिव डॉ. शंकर बामनिया ने कहा कि RUHS में गैर-चिकित्सक को वाइस चांसलर नियुक्त करना चिकित्सा शिक्षा के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने तर्क दिया कि देशभर में मेडिकल यूनिवर्सिटीज़ में अब तक केवल MBBS, MD, DM या MCh जैसी उच्च चिकित्सा योग्यताओं वाले विशेषज्ञों को ही VC बनाया गया है।
उन्होंने कहा,
“राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (RUHS) की स्थापना का उद्देश्य चिकित्सा शिक्षा को सशक्त बनाना था, लेकिन यह नियुक्ति मेडिकल शिक्षा प्रणाली को कमजोर करने का प्रयास है। यह न केवल चिकित्सा जगत के पेशेवरों के अधिकारों का हनन है, बल्कि छात्रों और शिक्षकों के लिए भी अनुचित है।”
चिकित्सकों ने उठाए सवाल, फैसले पर जताई कड़ी आपत्ति
अरिसदा के संयोजक डॉ. राजवीर सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा,
“जब मेडिकल कॉलेजों में गैर-चिकित्सक डॉक्टरों को फैकल्टी बनने की अनुमति तक नहीं है, तो फिर उन्हें मेडिकल यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर कैसे बनाया जा सकता है?”
उन्होंने इस निर्णय को मेडिकल शिक्षा के लिए घातक बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की।
सरकार की हठधर्मिता से नाराज चिकित्सक, आंदोलन की चेतावनी
डॉ. बामनिया ने कहा कि सरकार का यह फैसला प्रदेश के चिकित्सा शिक्षकों और चिकित्सकों के करियर पर सीधा प्रहार है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया, तो राजस्थान के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में शिक्षक और चिकित्सक विरोध-प्रदर्शन और आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
ज्ञापन सौंपने के दौरान जिला अरिसदा के कई वरिष्ठ चिकित्सक उपस्थित थे। अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस मांग पर क्या रुख अपनाते हैं।

