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स्नेह मिलन कार्यक्रम में 42 वर्ष बाद मिलें नर्सेज साथी, नर्सेज अस्पताल की रीढ़ की हड्डी -डा सुमन

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24 News Update उदयपुर। एमबी हॉस्पिटल के उदयपुर के अधीन जनरल नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर के 1980- 83 बेच के  साथी गोविंद  पैलेस उदयपुर में मिले। संयोजक दिनेश गुप्ता व चम्पा लाल परमार ने बताया कि उदयपुर से ट्रेनिंग करने के बाद कुछ साथी 42 साल बाद स्नेह मिलन कार्यक्रम में पहली बार मिलें। कई साथियों के नाम पता था, परंतु उनकी शक्ल भुल चुके थे। जब मिले तो बचपन की याद आ गई और आत्मभाव ऐसा जागृत हुआ जीवन के इस पड़ाव में मिलना किसी चमत्कार से काम नहीं था। कई लोग कई बीमारियों से ग्रसित थे। फिर भी स्नेह मिलन में उपस्थिति देकर अपने आप को खुश नसीब समझा। राजस्थान के कोने-कोने से उदयपुर आए साथी, दो दिन तक उदयपुर के रमणीय स्थल का खूब आनंद लिया और 42 वर्ष पूर्व की याददाश्त को ताज किया। किसी ने अपने जमाने की यादगार गीत सुनाएं, तो किसी ने चुटकुले तो किसी ने पैरोडी ,तो किसी ने अपनी नर्सिंग सेवाओं के सफर को गीत में पिरोकर सभी को गदगद कर दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एमबी हॉस्पिटल उदयपुर के अधीक्षक डॉ आर एल सुमन थे। विशिष्ट अतिथि राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन उदयपुर के संभागीय अध्यक्ष नरेश पूर्बिया, दिनेश गुप्ता, चम्पा लाल परमार थे। कार्यक्रम का संचालन राजेश पंडिया ने किया। अतिथियों ने सभी को उपरणा ओढ़ाकर, मेडल पहनाकर, प्रशंसा पत्र व स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत एवं अभिनंदन किया। डॉ आर एल सुमन ने कहा की नर्सेज अस्पताल की रीड की हड्डी है। जिसके कुशल नर्सिंग सेवाओं से बिमार ठीक हो कर घर जाता है ।संभागीय अध्यक्ष नरेश पूर्बिया ने कहा कि आपने कार्यो से समाज में पहचान बनाई है। आप समाज सेवा के कार्य करते रहें और पुण्य करें।   बचपन 5  साथियों का स्वर्गवास हो गया है, उन्हें 2 मिनट का मौन रखकर, उन्हें श्रद्धांजलि दी। ईश्वर सिंह राठौड़ ने अपने अनुभव बताते हुए बताया कि एक बार चंबल के डाकू के परिवार में एक महिला बीमार हो गई ।डाकू आए और उन्हें इलाज के लिए उठा कर ले गए। ईश्वर सिंह ने उनका इलाज किया और महिलाओं को ठीक हुई और डाकू उन्हें पुनः घर छोड़कर गए ।तब जान में जान आई। सभी ने ऐसे कई अनुभव बताएं। मोहम्मद शईद शेख़ स्नेह मिलन में लंदन से आये। इससे सिद्ध होता है कि बचपन के साथियों को मिलने का मौका मिले तो दूरियां सिमट जाती हैं और बुढ़ापा भी बचपन जैसा हो जाता है। कार्यक्रम में 25 साथियों ने भाग लिया।अशोक भटनागर, बद्री लाल जाट, चंपालाल परमार ,दिनेश गुप्ता, हनुमान सिंह, ईश्वर सिंह राठौड़, जमनालाल धाकड़, कैलाश चंद्र नारायणिया, लोचनदास सिंधी,मगन लाल गाडात, मोहनलाल रेगर, मोहम्मद साइड शैख, नंदलाल पालीवाल, नरेश चंद्र पालीवाल, ओम प्रकाश टेलर, ओमप्रकाश छापरवाल, प्यारेलाल रेगर, राधेश्याम मीणा, राजेंद्र जैन ,राजेंद्र राय, राजेश पंडिया, राजेश कुमार व्यास, राय सिंह राठौड़, रतनलाल भांड, रोशन लाल आर्य उपस्थित थे। कार्यक्रम में डॉ शिप्रा व रेखा भी उपस्थित थीं।

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