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24 News Update उदयपुर। पंचम पट्टाधीश वात्सल्य वारीधी आचार्य श्री 108 वर्धमान सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि 108 श्री चिन्मय सागर जी महाराज ने 16 सितंबर 2025 को यमसलेखना पूर्ण समाधि प्राप्त की। उन्होंने अपने आचार्य श्री के मुखारविंद से णमोकार मंत्र का मंत्रोच्चार करते हुए चारों प्रकार के आहार का त्याग और तीन उपवास पूर्ण किए।
इस महान क्षण को श्रद्धांजलि देने के लिए उदयपुर के आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, सेक्टर 4 में कल 21 सितंबर 2025, रविवार को प्रातः 8:30 बजे विनयांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। सभा में आचार्य 108 पुण्य सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में श्रद्धालु भाग लेंगे।
श्री सकल दिगंबर जैन समाज उदयपुर ने सभी धर्मप्रेमी बंधुओं से अपील की है कि वे इस मौके पर अधिक से अधिक संख्या में पधारकर श्रद्धांजलि अर्पित करें।

