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सांसद के प्रश्न से खुली पोल : उदयपुर संभाग की ऐतिहासिक धरोहरों के रख रखाव के लिए केंद्र सरकार की कोई विशेष योजना नहीं

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24 न्यूज अपडेट उदयपुर। राजस्थान में ऐतिहासिक धरोहरों के रखरखाव पर खर्च बढ़ रहा है, लेकिन कोई विशेष योजना नहीं बनाई गई है। उदयपुर संभाग के 30 महत्वपूर्ण स्थल संरक्षण की मांग कर रहे हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए धरोहर स्थलों का उचित रखरखाव आवश्यक है। लोकसभा में पूछे गए सांसद मन्नालाल रावत के सवाल के जवाब में बताया गया कि केंद्र सरकार धरोहरों के लिए कोई विशेष योजना नहीं चला रही है तो यह चिंताजनक स्थिति है। जबकि उदयपुर संभाग में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए धरोहर स्थलों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जाए। पुराने स्मारकों का डिजिटलीकरण कर उन्हें अधिक सुरक्षित बनाया जाए। स्थानीय प्रशासन और समुदाय की भागीदारी से संरक्षण कार्य किया जाए। यदि इन सिफारिशों को लागू किया जाए, तो राजस्थान के ऐतिहासिक स्थलों की सुंदरता और विरासत को आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखा जा सकता है। आपको बता दें कि 10 मार्च 2025 को लोकसभा में सांसद डॉ. मन्नालाल रावत द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राजस्थान, विशेष रूप से उदयपुर संभाग में प्राचीन धरोहरों के संरक्षण और सौंदर्यीकरण से संबंधित जानकारी दी है।

✨ राजस्थान में संरक्षित प्राचीन धरोहरों की स्थिति

वर्षसंरक्षण एवं रखरखाव पर व्यय (करोड़ रुपये)
2019-2010.28
2020-2111.50
2021-2212.03
2022-2317.93
2023-2423.40

📢 विश्लेषण:
पिछले 5 वर्षों में संरक्षण पर व्यय दोगुने से अधिक बढ़ा है।
2023-24 में सर्वाधिक 23.4 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
राजस्थान में कुल 163 संरक्षित स्थल हैं, जिनमें से 30 उदयपुर संभाग में स्थित हैं।


📌 उदयपुर संभाग में संरक्षित धरोहरें और उनका संरक्षण

क्रमांकस्थल का नामस्थान
1प्रताप स्मारकचावंड, उदयपुर
2प्राचीन खंडहरकल्याणपुर, उदयपुर
3सास बहू मंदिरनागदा, उदयपुर
4हवा महल (वीरपुरा)जयसमंद, उदयपुर
5रूठी रानी का महलवीरपुरा, जयसमंद, उदयपुर

📢 विश्लेषण:
उदयपुर संभाग के 30 संरक्षित स्थल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
इन स्थलों की सौंदर्यीकरण योजना अब तक लागू नहीं हुई है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा सीमित संसाधनों से इनका रखरखाव किया जा रहा है।


📌 राजस्थान में अन्य प्रमुख संरक्षित स्थल

क्रमांकस्मारक का नामस्थानजिला
1शिव मंदिर और खंडहरअथुनाबांसवाड़ा
2घाटेश्वर मंदिरबडोलीचित्तौड़गढ़
3शृंगार चावड़ीबडोलीचित्तौड़गढ़
4चेतक समाधिराजसमंदराजसमंद
5हल्दीघाटी युद्ध स्थलहल्दीघाटीराजसमंद
6कुंभलगढ़ किलाकुंभलगढ़राजसमंद

📢 विश्लेषण:
चित्तौड़गढ़, राजसमंद और उदयपुर जिलों में सबसे अधिक संरक्षित स्थल हैं।
हल्दीघाटी युद्ध स्थल और कुंभलगढ़ किला न केवल ऐतिहासिक धरोहर हैं, बल्कि पर्यटन के मुख्य केंद्र भी हैं।
राजस्थान की विरासत को बनाए रखने के लिए और अधिक योजनाओं की आवश्यकता है।


📌 राजस्थान में संरक्षण योजनाओं की स्थिति

बिंदुस्थिति
संरक्षण के लिए विशेष योजना❌ नहीं लागू
संरक्षित स्थलों की संख्या✅ 163
उदयपुर संभाग में संरक्षित स्थल✅ 30
संरक्षण का वार्षिक बजट✅ 23.4 करोड़ रुपये (2023-24)
विशेष सौंदर्यीकरण परियोजना❌ उपलब्ध नहीं

📢 विश्लेषण:
संरक्षित स्मारकों का रखरखाव पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) द्वारा किया जाता है।
राजस्थान में कोई विशेष धरोहर संरक्षण योजना नहीं चलाई जा रही है।
सौंदर्यीकरण के लिए कोई अलग से धनराशि आवंटित नहीं की गई है।

राजस्थान में प्राचीन धरोहरों की सूची

क्रमांकधरोहर स्थल का नामस्थानजिला
1हिंदू मंदिर और परिसरनागदाउदयपुर
2रणकपुर मंदिरसादड़ी क्षेत्रपाली
3परशुराम महादेवदेसूरीपाली
4कुंभलगढ़ किलाकुंभलगढ़राजसमंद
5जैसलमेर किलाजैसलमेरजैसलमेर
6सोनार किलाजैसलमेरजैसलमेर
7आमेर का किलाआमेरजयपुर
8जयगढ़ किलाजयपुरजयपुर
9नाहरगढ़ किलाजयपुरजयपुर
10सिटी पैलेसउदयपुरउदयपुर
11सज्जनगढ़ किलाउदयपुरउदयपुर
12चित्तौड़गढ़ किलाचित्तौड़गढ़चित्तौड़गढ़
13तारागढ़ किलाबूंदीबूंदी
14गागरोन किलाझालावाड़झालावाड़
15झालावाड़ का गोविंद महलझालावाड़झालावाड़
16माउंट आबू के प्राचीन जैन मंदिरमाउंट आबूसिरोही
17दिलवाड़ा मंदिरमाउंट आबूसिरोही
18सूर्यमंदिर, झालरापाटनझालरापाटनझालावाड़
19भीलवाड़ा के 938, 941, 1065, 1066, 1067, 1068, 1070, 1071, 1072, 1073 और 1074 के मंदिरभीलवाड़ाभीलवाड़ा
20मोती डूंगरी किलाजयपुरजयपुर
21गढ़ गणेश मंदिरजयपुरजयपुर
22नाथद्वारा मंदिरनाथद्वाराराजसमंद
23मेवाड़ की हवेलियाँउदयपुरउदयपुर
24जवाई बंधपालीपाली
25टोडगढ़ किलाअजमेरअजमेर
26गुलाब बाग और संग्रहालयउदयपुरउदयपुर
27बागोर की हवेलीउदयपुरउदयपुर
28मंडोर गार्डनजोधपुरजोधपुर
29उम्मेद भवन पैलेसजोधपुरजोधपुर
30सहेलियों की बाड़ीउदयपुरउदयपुर

📌 मुख्य बिंदु:


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