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उदयपुर में पहली बार महालक्ष्मी कोटि कुंकुमार्चन महायज्ञ

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24 News Update उदयपुर। अरावली पर्वतमाला से आच्छादित झीलों की नगरी उदयपुर में पहली बार विश्वविख्यात अध्यात्म गुरू, परमहंस परिव्राजकाचार्य, अनन्त श्री विभूषित, कृष्णगिरी पीठाधीश्वर पूज्यपाद 1008 जगद्गुरु श्री आचार्य वसंत विजयानन्द गिरीजी महाराज के सान्निध्य में सनातन संस्कृति की पुरातन सिद्ध परम्परा के अलौकिक दर्शन का सौभाग्य श्रद्धालुओं को प्राप्त होने जा रहा है। उदयपुर के मीरानगर स्थित मैग्नस हॉस्पिटल के समीप विशाल परिसर में दिव्यतम श्री महालक्ष्मी कोटि कुंकुमार्चन महायज्ञ पूजा के विराट महोत्सव का आयोजन 28 दिसंबर 2025 से 5 दिसबंर 2026 तक किया जा रहा है। यह जानकारी प्रेसवार्ता में महोत्सव आयोजन समिति के उपाध्यक्ष शंकेश जैन ने दी। इस अवसर पर अध्यक्ष नानालाल बया, महामंत्री देवेन्द्र मेहता, मंत्री मुकेश चेलावत एवं कोषाध्यक्ष रितेश नाहर भी उपस्थित थे।

पूज्यपाद गुरुदेव के नाम कई विश्वरिकार्ड का भी कीर्तिमान :
शंकेश जैन ने बताया कि कृष्णगिरी पीठाधीश्वर पूज्यपाद जगद्गुरु श्री वसंत विजयानन्द गिरीजी महाराज द्वारा देश ही नहीं अपितु विश्व में भारत की पुरातन सिद्ध परम्परा, सभ्यता और संस्कृति की पताका फहराई है और इस दिशा में वे सतत अग्रसर हैं। गुरुदेव द्वारा स्थापित श्री पाश्र्व पद्मावती शक्तिपीठ कृष्णगिरी तीर्थ में जनकल्याण के लिए कई विराट महोत्सवों का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा देशभर में भव्यतम अनुष्ठान किये जाते हैं। इन आयोजनों की भव्यता और प्रमाणिकता के कारण परम् पूज्य गुरुदेव का नाम 9 बार गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में और 600 से अधिक बार विभिन्न विश्व रिकॉड्र्स में दर्ज है जो अपने आप में उपलब्धियों का भी विश्वरिकार्ड है।

त्याग-तपस्या और समग्र कल्याण को समर्पित है गुरुदेव का जीवन :
शंकेश जैन ने बताया कि कृष्णगिरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्री वसंत विजयानन्द गिरीजी महाराज के जीवन की शुरुआत भले ही कठिनाइयों से हुई लेकिन पीड़ा ने उन्हें जो अध्यात्म का पथ दिखाया। उस पर तपकर आप असाधारण सिद्ध शक्तियों के बल से संसार की हर कठिन विपदा से मानव को बाहर निकालने का मार्ग प्रशस्त करते हुए जगत कल्याण के मार्ग पर अग्रसर हैं। जगद्गुरु श्री वसंत विजयानन्द गिरीजी महाराज के जीवन मे कांचीपुरम की यात्रा ने अध्यात्म की ऊंचाई का आभास कराया। यहां से प्रारम्भ हुई यह यात्रा अथक जारी है और निरन्तर धर्म, दर्शन, तप, सिद्धि और अध्यात्म जगत की गहराइयों में वे उतरते गए। कठोर तप और साधना में रत गुरुदेव को स्वप्न में स्वयं मां पाश्र्वपद्मावती ने दर्शन दिए और आदेश दिया, जिसका परिणाम था कि गुरुदेव के संकल्प से आज कृष्णगिरी पर्वत पर विश्व विख्यात मां पाश्र्व पद्मावती धाम अद्भुत स्वरूप में स्थापित हुआ। जगद्गुरु श्री वसन्त विजयानन्द गिरीजी महाराज के सान्निध्य में आज भारत भर में ही नहीं बल्कि विश्व के विभिन्न देशों में भारतीय धर्म अध्यात्म परम्परा के अनूठे महोत्सव आयोजित किये जाते हैं।

अद्भुत होगा नौ दिवसीय महामहोत्सव :
जैन ने बताया यह मेवाड़ का सौभाग्य है कि कृष्णगिरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्री वसन्त विजयानन्द गिरीजी महाराज के चरण उदयपुर नगरी की धरा पर पड़े हैं। आपके आशीर्वाद, मार्गदर्शन और सान्निध्य में 28 दिसंबर 2025 से 5 जनवरी 2026 तक भव्यातिभव्य श्री महालक्ष्मी कोटि कुंकुमार्चन यज्ञ, पूजा, साधना महामहोत्सव आयोजित किया जा रहा है। धनधान्य की परिपूर्णता, समृद्धि, सुख, शांति और सर्वकल्याण हेतु इस महायज्ञ में हजारों प्रकार के मेवे, प्राकृतिक औषधियों के साथ ही कुमकुम की एक करोड़ आहुतियों के साथ महालक्ष्मी, धनलक्ष्मी की आराधना पूजा, विधि विधान से होगी। काशी के 135 विद्वान पंडितों के मुखारविंद से मंत्रोच्चार के साथ यह सिद्ध महायज्ञ होगा। इसमे 1008 दिव्य अष्टलक्ष्मी कलश करोड़ आहुतियों से सिद्ध किये जायेंगे। समृद्धि और धन को आकर्षित करने वाले जीबू कॉइन भी सिद्ध करवाये जाएंगे।

ऐसी होगी महोत्सव में दिनचर्या :
शंकेश जैन ने बताया कि पूज्यपाद श्री वसन्त विजयानन्द गिरीजी महाराज के सान्निध्य में प्रतिदिन प्रात: 10 से दोपहर 2 बजे तक विशिष्ट जप और साधना, दोपहर 3 से सन्ध्या 6 बजे तक महालक्ष्मी महायज्ञ होगा। जिसमें दिव्य जड़ी बूटियों, सुगन्धित व औषधीय पुष्प पत्तियों, प्राकृतिक वस्तुओं के अलावा, हजारों किलो मेवे, चंदन, गाय के शुद्ध देसी घी की प्रतिदिन लाखों आहुतियां दी जाकर जन सामान्य की सुख शांति, समृद्धि के लिए मंगल कामना की जाएगी। रात्रि में 8 बजे से परमपूज्य गुरुदेव के मुखारबिंद से श्री शिव महापुराण कथा का अमृत बरसाएंगे। इन सभी आयोजनों के अलावा प्रतिदिन शाम 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक समस्त आगंतुक श्रद्धालु भक्तों के लिए भोजन प्रसादी की व्यवस्था रहेगी। भजन संध्या की प्रतिदिन होने वाली श्रंखला में प्रसिद्ध कलाकार दलेर मेहंदी, लखबीर सिंह लक्खा, ड्रमर शिवा मणि, कीर्तिदान गढ़वी जैसे विश्व विख्यात कलाकार मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुतियां देंगे। समस्त आयोजनों में सभी आगन्तुकों का प्रवेश निशुल्क है।

महाराणा प्रताप की विशाल प्रतिमा होगी आकर्षण का केंद्र :
शंकेश जैन ने बताया कि जगद्गुरु वसन्त विजयानन्द गिरीजी महाराज के सान्निध्य में होने जा रहे श्री महालक्ष्मी कोटि कुंकुमार्चन यज्ञ, पूजा, साधना महामहोत्सव की भव्य तैयारियां की जा रही है। करीब साढ़े चार लाख वर्गफीट के विशाल परिसर में धर्म नगरी स्थापित की जा रही है। यहां प्रवेश के लिए 4 विशाल सिंहद्वार होंगे जिसमें 50 हजार वर्गफीट में भव्य कथा पांडाल बनाया गया है और इसमें 20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के बैठने की पर्याप्त व्यवस्था होगी। भोजन पांडाल 50 हजार वर्गफीट में तैयार किया गया है। सुंदरतम यज्ञशाला 20 हजार वर्गफीट परिसर में तैयार की गई है। 8 हजार वर्गफीट क्षेत्र में साधना हॉल बनाया गया है। एक लाख वर्गफीट में वाहन पार्किंग व्यवस्था की गई है। साथ ही श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त सुविधाघर भी होंगे। इन तमाम व्यवस्थाओं के अलावा मेवाड़ शिरोमणि महाराणा प्रताप की विशाल प्रतिमा इस परिसर में स्थापित की जाएगी जो विशेष आकर्षण का केंद्र होगी। इस महामहोत्सव के परिसर में नयनाभिराम झांकियों की प्रदर्शनी भी रहेगी।

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