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कुंदन माली का एकल रचना पाठ, संवाद और वरिष्ठ जनों का सम्मान

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24 News Update उदयपुर। राजस्थान साहित्य अकादमी एवं टीम संस्था के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे सांस्कृतिक सृजन पखवाड़ा के तहत सुप्रसिद्ध कवि, आलोचक एवं अनुवादक कुंदन माली का एकल रचना पाठ एवं संवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. जी.एम. मेहता ने की। मुख्य अतिथि डॉ. एम.एल. नागदा और विशिष्ट अतिथि पूर्व आरएएस अधिकारी दिनेश कोठारी थे।
कार्यक्रम का संचालन गौरीकांत ने किया। स्वागत टीम संस्था की ओर से सुनील टांक ने किया।

कुंदन माली की कविताओं ने बांधा समां
इतिहासकार श्रीकृष्ण जुगनू ने बताया कि रचना पाठ में कुंदन माली ने अपने साहित्यिक सफर की चुनिंदा कविताओं का पाठ किया। उनकी कविता “चींटी संचे तीतर जाय” ने सामाजिक यथार्थ का उद्घाटन किया, वहीं “रुख़ बचाना” में वृक्षों की भूमिका का सजीव चित्रण प्रस्तुत किया गया। राजस्थानी मुहावरों के नवीनीकरण और कपोल कल्पनाओं से भरी कविताओं ने श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी।

वरिष्ठ साहित्यकारों एवं समाजसेवियों का सम्मान
साहित्य अकादमी के सचिव बसंत सिंह सोलंकी ने बताया कि इस अवसर पर मॉरिशस की चर्चित साहित्यकारा एवं शोधार्थी शारदा पोटा के साहित्यिक योगदान का परिचय उनकी पुत्री तराना परवीन ने प्रस्तुत किया। इसके साथ ही प्रो. जी.एम. मेहता, डॉ. एम.एल. नागदा, दिनेश कोठारी, जी.एस. राठौड़ और कुंदन माली का विशेष सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार मंजु चतुर्वेदी, श्रीकृष्ण कुमार जुगनू, मधु अग्रवाल, श्रीनिवास अय्यर, गौरीकांत शर्मा, रेणु देवपुरा, तराना परवीन, सुरेश सालवी और तरुण दाधीच को भी सम्मानित किया गया।
शहर में अपने-अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए आशीष हरकावत, विपुल शर्मा, अम्बालाल माली और जमनालाल माली को भी सम्मानित किया गया।

कुंदन माली का साहित्यिक योगदान
गुजरात विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त अंग्रेजी प्राध्यापक कुंदन माली अब तक हिंदी, राजस्थानी और अंग्रेजी में लगभग 30 पुस्तकें लिख चुके हैं। उनकी रचनाओं में हिंदी अनुवाद, गुजराती उपन्यास का हिंदी अनुवाद और राजस्थानी आलोचना की पुस्तकें प्रमुख हैं। उन्हें केंद्रीय साहित्य अकादमी, राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर और राजस्थान साहित्य अकादमी सहित कई संस्थाओं से सम्मान प्राप्त हुआ है।

आयोजन में सहयोग
कार्यक्रम में टीम संस्था की ओर से अशोक शर्मा, सुनील टांक, लक्षा पोटा, शैली श्रीवास्तव, प्रदीप कौशिक, महिपाल सिंह राठौड़, दीपक शर्मा, मुकेश धनगर, मोहसिन खान और करण ने अतिथियों का सम्मान किया। अंत में साहित्य अकादमी के रामदयाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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