आयड़ जैन तीर्थ में चातुर्मासिक प्रवचन की धूम जारी
24 News Update उदयपुर, 17 जुलाई। तपागच्छ की उद्गम स्थली आयड़ जैन मंदिर में श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्तवावधान में कला पूर्ण सूरी समुदाय की साध्वी जयदर्शिता श्रीजी, जिनरसा श्रीजी, जिनदर्शिता श्रीजी व जिनमुद्रा श्रीजी महाराज आदि ठाणा की चातुर्मास सम्पादित हो रहा है। महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि गुरुवार को आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सुबह 7 बजे साध्वियों के सानिध्य में ज्ञान भक्ति एवं ज्ञान पूजा, अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई। सभी श्रावक-श्राविकाओं ने जैन ग्रंथ की पूजा-अर्चना की।
आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में गुरुवार को आयोजित धर्मसभा में साध्वी जयदर्शिता श्रीजी ने प्रवचन में बताया कि जिनवाणी को श्रवण करने से जीवन में संवेग और वैराग्य भाव की अभिवृद्धि होती है। मोक्ष मार्ग को जानने समझने के लिए जिनवाणी ही सक्षम माध्यम है। ब्लोटिंग पेपर बने- पेपर दो प्रकार के आते है और ब्लोटिंग पेपर और प्लास्टिक कोटेड पेपर ब्लोटिंग पेपर- यानी पर स्याही की बूंदे गिरती हैं और वह पेपर उन्हें सोख लेता है- अपने अंदर उतार लेता है। प्लास्टिक कोटेड पेपर-पर स्याही की बूंदे गिरती हैं, परन्तु वे वैसी ही रहती है अंदर जाती ही नहीं हैं। श्रोता भी दो प्रकार के होते है हमें स्याही चूस पेपर जैसा बनना है न कि प्लास्टिक पेपर जैसा, परमात्मा ने बताया कि जो जिनवाणी के श्रवण में राग वाला है और जो भाव से जिनवाणी के शब्दों को अपने जीवन में उतारने की कोशिश करता है, संक्लेश रहित वह निर्मल आत्मा अल्प संसारी होती है। हमें परमात्म वाणी का श्रवण आदर भाव पूर्वक करना चाहिये।
इस अवसर पर कुलदीप नाहर, भोपाल सिंह नाहर, अशोक जैन, राजेन्द्र जवेरिया, प्रकाश नागोरी, दिनेश बापना, अभय नलवाया, कैलाश मुर्डिया, चतर सिंह पामेच, गोवर्धन सिंह बोल्या, सतीश कच्छारा, दिनेश भण्डारी, रविन्द्र बापना, चिमनलाल गांधी, प्रद्योत महात्मा, रमेश सिरोया, कुलदीप मेहता आदि मौजूद रहे।
Discover more from 24 News Update
Subscribe to get the latest posts sent to your email.