24 News Update नई दिल्ली। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने पहली बार महिला आतंकियों की अलग यूनिट बनाई है, जिसका नाम ‘जमात-उल-मोमिनात’ रखा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस नई यूनिट में भर्ती प्रक्रिया 8 अक्टूबर से पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित मरकज उस्मान-ओ-अली में शुरू हो चुकी है।
यूनिट की कमान मौलाना मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर संभालेंगी। सादिया के पति यूसुफ अजहर 7 मई को भारत के ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए थे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहावलपुर में एक मस्जिद को निशाना बनाया गया था, जिसमें कई आतंकी ढांचे तबाह हुए थे।
इस यूनिट में आतंकियों की पत्नी और गरीब महिलाओं को शामिल किया जा रहा है। ये महिलाएं बहावलपुर, कराची, मुजफ्फराबाद, कोटली, हरिपुर और मंसेहरा के मदरसों में पढ़ती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में आशंका जताई गई है कि इन महिलाओं का इस्तेमाल आत्मघाती हमलों में किया जा सकता है।
पहले JeM महिलाओं को लड़ाई में शामिल नहीं करता था, लेकिन पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर के बाद मसूद अजहर और उनके भाई तल्हा अल-सैफ ने नीति बदली। ISIS और बोको हरम जैसी अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन पहले ही महिलाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन JeM, लश्कर और हिजबुल जैसी संगठन अब यह कदम उठा रही हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद JeM, हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा ने अपने कैंप्स पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (KPK) प्रांत में शिफ्ट कर लिए हैं और अपने ढांचों को पुनः बनाने के लिए आम लोगों से चंदा इकट्ठा कर रहे हैं।
इस ऑपरेशन में मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और 4 सहयोगी मारे गए थे। इसमें मसूद की बड़ी बहन, उसका पति, भतीजा और उसकी पत्नी, एक भतीजी और उसके पांच बच्चे शामिल थे। हमले के वक्त मसूद अजहर मौके पर नहीं था, इसलिए उसकी जान बच गई।
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