
24 News Update जयपुर। अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा जयपुर स्टेशन को विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त बनाने के लिए 717 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्विकास कार्य किया जा रहा है। रेलवे महाप्रबंधक श्री अमिताभ के दिशा-निर्देशन और उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री शशि किरण की जानकारी के अनुसार पुनर्विकास कार्य चरणबद्ध तरीके से तेज़ी से प्रगति पर है। जयपुर स्टेशन के द्वितीय प्रवेश (हसनपुरा साइड) पर बिल्डिंग और बेसमेंट पार्किंग का स्ट्रक्चरल कार्य पूरा कर लिया गया है तथा अब सभी कार्य फिनिशिंग स्टेज पर पहुँच चुके हैं। स्टेशन पर मुख्य और द्वितीय प्रवेश को जोड़ने वाला 108 गुणा 95 मीटर का एयर कोनकोर्स (कुल क्षेत्रफल 10,260 वर्ग मीटर) भी लगभग तैयार हो चुका है जिसका स्ट्रक्चरल कार्य पूर्ण कर लिया गया है और अब फेब्रिकेशन कार्य प्रगति पर है, साथ ही शीघ्र ही गार्डर लॉचिंग का कार्य भी प्रस्तावित है।
स्टेशन पर यात्रियों की आवाजाही के लिए 2 नए फुटओवर ब्रिज बनाए जा रहे हैं जिनमें से दौसा साइड पर 6 मीटर चौड़ाई का फुटओवर ब्रिज यात्रियों के लिए प्रारंभ कर दिया गया है, जबकि सीकर साइड के फुटओवर ब्रिज का स्ट्रक्चरल कार्य पूरा होकर फेब्रिकेशन अंतिम चरण में है। इसी तरह मुख्य प्रवेश पर बेसमेंट का स्ट्रक्चर बन चुका है और बिल्डिंग के फाउंडेशन का कार्य जारी है। उल्लेखनीय है कि द्वितीय प्रवेश पर पार्सल ऑफिस, मजिस्ट्रेट ऑफिस और बैंक सहित अन्य कार्यालय पहले से ही संचालित हो रहे हैं।
पुनर्विकसित जयपुर स्टेशन को लगभग 1 लाख 75 हजार यात्रियों की दैनिक क्षमता के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। मुख्य और द्वितीय प्रवेश पर नई तीन मंजिला इमारतें बनाई जा रही हैं जिनमें आगमन-प्रस्थान लॉबी, वेस्टिब्यूल, सुरक्षा जांच क्षेत्र, बैगेज स्कैनर, हेल्प डेस्क, प्रस्थान हॉल, प्रतीक्षालय, रिटेल स्टॉल, मॉड्यूलर शौचालय, लिफ्ट, सीढ़ियां और एस्केलेटर जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यात्रियों की सुगमता के लिए स्टेशन पर कुल 30 लिफ्ट और 18 एस्केलेटर लगाए जाएंगे तथा दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाओं का भी समुचित प्रावधान किया गया है।
स्टेशन पुनर्विकास में ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए ग्रीन बिल्डिंग मानकों का पालन किया जा रहा है। इसके तहत नवीकरणीय ऊर्जा, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, ठोस अपशिष्ट निस्तारण और अन्य पर्यावरण हितैषी उपायों को अपनाया जा रहा है। स्टेशन परिसर में लगभग 2000 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र भी स्थापित किया जाएगा।
रेलवे प्रशासन का लक्ष्य है कि इस वर्ष के भीतर द्वितीय प्रवेश की ओर पुनर्विकास कार्य पूर्ण कर यात्रियों को अत्याधुनिक और बेहतर रेल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, जिससे जयपुर जंक्शन आने वाले यात्रियों को विश्वस्तरीय अनुभव मिल सके।
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