तेहरान/तेल अवीव, 13 जून 2025: शुक्रवार सुबह इजराइल ने ईरान की राजधानी तेहरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर भीषण हवाई हमला किया। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, तेहरान के आसपास कम से कम छह ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें चार परमाणु स्थलों की पुष्टि हुई है।
ईरान की सरकारी मीडिया के अनुसार, हमले में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के प्रमुख हुसैन सलामी की मौत हो गई है। अल-जजीरा की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक—मोहम्मद मेहदी तेहरांची और फेरेदून अब्बासी भी मारे गए हैं। इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने सैन्य कार्रवाई की पुष्टि की है।
तेहरान में हमले के बाद कई इमारतों और गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। ईरानी मीडिया के मुताबिक, आवासीय क्षेत्रों में भी बमबारी हुई है, जिसमें कई आम नागरिकों की मृत्यु की पुष्टि हुई है।
प्रतिक्रियाएं और वैश्विक तनाव
इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि यह हमला आत्मरक्षा में किया गया और आने वाले दिनों में नागरिकों से सतर्कता बरतने को कहा। इस बीच, अमेरिका ने इस हमले से खुद को अलग बताया है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि “यह इजराइल की एकतरफा कार्रवाई थी।” अमेरिकी सांसद जैक रीड ने इस हमले को “लापरवाही भरा कदम” बताया और चेतावनी दी कि इससे क्षेत्रीय हिंसा भड़क सकती है।
ईरान की प्रतिक्रिया और भारत की चेतावनी
ईरानी अधिकारी ने समाचार एजेंसी इरना को बताया कि यह हमला “बर्दाश्त नहीं किया जाएगा” और इसका जवाब जल्द दिया जाएगा। वहीं, तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों से सतर्क रहने की अपील जारी की है।
पृष्ठभूमि: परमाणु विवाद और जेसीपीओए डील
ईरान, अमेरिका और इजराइल के बीच वर्षों पुराना परमाणु विवाद इस हमले की पृष्ठभूमि में है। 2015 की JCPOA डील और 2018 में अमेरिका द्वारा इसके खत्म किए जाने के बाद से तनाव लगातार बढ़ता रहा है। इजराइल और अमेरिका का आरोप है कि ईरान गुपचुप तरीके से परमाणु हथियार विकसित कर रहा है, जबकि ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।

