24 News Update मावली। शारदीय नवरात्रि की अष्टमी पर सोमवार को मावली उपखंड के इंटाली गांव स्थित ताकाजी बावजी मंदिर में परंपरानुसार ज्वारों का विसर्जन विधि-विधान के साथ किया गया। दोपहर बाद देवरे में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हुई
बावजी के देवरे में पंडितों ने पटेलों और भोपाजी की मौजूदगी में हवन पूजन करवाया, इसके बाद नवरात्रि के प्रथम दिन बोए गए ज्वारों की विशेष पूजा-अर्चना की गई। ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच ज्वारों को मंदिर परिसर से विसर्जन के लिए ले जाया गया। इस दौरान नेजा को भोपाजी पारंपरिक ढंग से साथ लेकर चले।
और ग्रामीणों के द्वारा नेजा रमाने की रस्म का निर्वहन किया गया |
गांव के लोग, महिलाएं, युवा और बच्चे पारंपरिक वेशभूषा में बड़ी संख्या में इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हुए। मार्ग में जगह-जगह श्रद्धालुओं ने ज्वारों का स्वागत कर पुण्य अर्जित किया। इंटाली सहित आसपास के देवरों से आए भोपाजी भी इस अवसर पर मौजूद रहे। विसर्जन यात्रा के दौरान भोपाजी ने पंख डालकर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। बुजुर्गों ने बताया कि नवरात्रि में बोए गए ज्वारे शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं तथा इनके विसर्जन से गांव और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। परंपरा के इस निर्वाह से पूरे गांव में हर्षोल्लास और एकजुटता का माहौल बना रहा।
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