24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में स्ववित्त पोषित सलाहकार मंडल-एसएफएबी के तहत कार्यरत कर्मचारियों ने एक बार फिर हड़ताल का रास्ता अपनाते हुए सोमवार को प्रशासनिक भवन के बाहर प्रदर्शन किया। चक्की पिसिंग एटीट्यूड एमएलएसयू प्रशासन का एक बार फिर से चालू हो गया है। बार बार हड़ताल, बार बार सरकारी आदेश, बार-बार वेतन रोकना, बार बार प्रयास कि किसी भी तरह से दो टकियां दी नौकरी जिसमें लाखों का काम होता है, उसे छीन लिया जाए। नौकरी को कटी पंतग बनाकर छोड़ दिया जाए।
मगर बार-बार कर्मचारी संगठनों का संघर्ष का माद्दा दिखाकर झुकाना, नेताओं की बेरूखी, अपने लगने वाले संगठनों और का दगा, आश्वासनों के सब्जबाग, फिर-फिर हड़ताल का ऐलान। हर बार जीत कर भी हार जा और हार कर भी जीत जाना।
लगता है जब इस आंदोलन का इतिहास लिखा जाएगा तब कई लोगों का नाम उसमें दर्ज होगा जिन्होंने वक्त रहते चुप्पी साध ली, उनका भी जिन्होंने अपनी राजनीतिक मजबूरियों के चलते अपनों से दगा किया। उपरी दबाव के चलते कर्मचारियों की उन जायज मांगों का साथ नहीं दिया जिनको वे अपने प्रभाव से मनवा सकते थे। उनका भी जिन्होंने अपने दिल्ली तक के रसूख के दम पर संघर्षशील मेवाड़ी मानुष को दबाने का असफल प्रयास किया।
बहरहाल, कर्मचारी संगठन ने आज विरोध, नारेबाजी, प्रदर्शन के बाद कुलसचिव को पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपते हुए जल्द समाधान की मांग की, अन्यथा आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। सुविवि प्रशासन ने हर बाद की तरह इस बार भी छल करते हुए कर्मचारियों को नए सत्र में बिना नया अपॉइंटमेंट दिए अधरझूल में छोड़ दिया है। हालांकि उनके पास दिसंबर तक काम करते रहने के राज्य सरकार के आदेश हैं लेकिन हठधर्मिता के चलते एक्सटेंशन ही नहीं दिया गया हैं। तनख्वाह बढ़ाना तो बहुत दूर की बात है।
कार्यादेश जारी करने की मांग
कर्मचारियों ने मांग की कि विश्वविद्यालय प्रशासन 1 जुलाई 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक की अवधि के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति के आधार पर कार्यादेश तुरंत जारी करे। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पिछले दो वर्षों से मानदेय में कोई वृद्धि नहीं हुई, जबकि महंगाई लगातार बढ़ रही है। ऐसे में 10 प्रतिशत वृद्धि तुरंत की जानी चाहिए।

महिला कर्मचारियों के लिए मातृत्व अवकाश
कर्मचारियों ने मांग की कि विश्वविद्यालय में कार्यरत महिला सेवा प्रदाताओं को मातृत्व अवकाश का लाभ पूर्व की तरह दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह न केवल उनका अधिकार है, बल्कि महिला सम्मान का विषय भी है। कर्मचारी संगठन ने यह भी मांग की कि श्रीमती किरण तंवर, जो पूर्व में विश्वविद्यालय में कार्यरत थीं, उन्हें पुनः कार्यादेश देकर न्याय दिलाया जाए।
दिवंगत कर्मचारी के परिवार को सहायता
कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय से अपील की कि दिवंगत कर्मचारी श्री प्रकाश नागदा के परिवार को न्याय दिलाते हुए उनके पुत्र या पत्नी को नियुक्ति प्रदान की जाए, ताकि परिवार का भरण-पोषण सुनिश्चित किया जा सके। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन में उपरोक्त सभी मांगों का विस्तार से उल्लेख किया गया है। संगठन ने कहा है कि ये मांगे ना केवल कर्मचारियों की भलाई के लिए हैं, बल्कि मानवता और सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण से भी अत्यंत आवश्यक हैं। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन इन मांगों पर तत्काल निर्णय नहीं लेता, तो वे आंदोलन को अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल सकते हैं। नारेबाजी के दौरान नारायणलाल सालवी के नेतृत्व में कर्मचारियों ने प्रशासन तेरी तानाशाही, नहीं चलेगी,,,कर्मचारी एकता जिंदाबाद आदि नारे लगाए।

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