24 News Update उदयपुर। विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर मंगलवार को ग्रीन पीपल सोसाइटी द्वारा चेतक सर्किल पर वन विभाग के सभागार में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। सोसाइटी अध्यक्ष राहुल भटनागर की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में विभिन्न वक्ताओं द्वारा बदलते परिवेश में पर्यावरण संतूलन और पृथ्वी पर हो रही विकास गतिविधियों पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता बी.एन.एच.एस. के वैज्ञानिक एवं संयुक्त निदेशक डॉ. रजत भार्गव ने राष्ट्रीय पक्षी मोर तथा मोरपंख के व्यवसाय से जुडे तथ्यों पर किये गये शोध पर तथ्यपरक जानकारी दी। भार्गव ने वताया कि मोरपंखों का व्यवसाय उतर भारत में मुख्य रूप से आगरा से संचालित होता है। वयस्क नर मोर द्वारा वर्षा के अन्त में प्रजनन प्रणय किया के समापन के उपरान्त अपनी पूँछ के पंख (Tail Feathers) त्याग दिये जाते है जिन्हे ग्रामीण द्वारा जन यथा समय एकत्र करते रहते है। एक नर मोर एक सीजन मे औसतन 200 पंख गिराये जाते है। इनका उपयोग हिन्दु/मुस्लिम/ ईसाई / जैन आदि सभी समुदायों में पवित्र कार्यो में किया जाता है। इस व्यवसाय में प्रयुक्त 99.99 प्रतिशत मोर के गिराये हुए होते है। मोर पंख के लिए मोर के शिकार का कोई औचित्य ही नहीं है।
मोर के संरक्षण के लिए उपयुक्त आवास उपलब्ध कराना वर्तमान प्रसंगों में अत्यावश्यक है।
एम.डी.एस. स्कूल की छात्राओं द्वारा इस सम्बंध मे शंकाओं का समाधान कराया। कार्यशाला में उपस्थित सभी संभागियों द्वारा पृथ्वी के संरक्षण हेतु शपथ ली।
कार्यक्रम में डीएफओ मुकेश सेनी, सुनील सिंह, सुनील गुप्ता, ओ.पी. सुथार, विनोद राय, याादवेन्द सिंह, शैतान सिंह, डॉ सीमा जालान, जी.पी.एस के शरद श्रीवास्तव, श्यामदेव, यासीन पठान, इन्द्रजीत माथुर, ललित जोशी, पी.एस.चुण्डावत, वी.एस.राणा, शेलेन्द्र तिवारी, मेजर दुर्गादास, प्रीति मुर्डिया, पुष्पा खमेसरा, देवेंद्र श्रीमाली,देवेन्द्र मिस्त्री, दलपत सिंह चण्डावत आदि ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन शरद श्रीवास्तव ने किया और इन्द्रजीत माथुर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम के अन्त में द्वारा पक्षियों को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए नि.शुल्क परिण्डो का वितरण किया गया।

