24 न्यूज अपडेट, जयपुर। लॉरेन्स विश्नोई गैंग के सक्रिय गैंगस्टर वर्तमान में रोहित गोदारा गैंग से संबंध रखने वाले गैंगस्टर अमित शर्मा उर्फ जैक पण्डित को एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स, राजस्थान, जयपुर की सूचना पर सी.बी.आई. की इन्टरपोल ब्रान्च के माध्यम से अमेरिकी एजेन्सियों को सूचित करने पर अमित शर्मा उर्फ जैक पण्डित को किया डिटेन, जिसको भारत लाने के प्रयास जारी है। श्री दिनेश एम.एन., अति. महानिदेशक पुलिस, अपराध शाखा/एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स, राजस्थान, जयपुर के निर्देशन में संगठित आपराधिक गिरोह के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए रोहित गोदारा गैंग का फरार कुख्यात अपराधी अमित शर्मा उर्फ जैक पण्डित जो गैंग के लिए विदेशों में बैठकर आपराधिक गतिविधियां कर रहा था, यह गैंग के लिए फाइनेंस का काम सम्भालता था, जिसके लिए वह एक्सर्टेशन मनी को विदेशों में रिसीव करने एवं विभिन्न माध्यमों से गैंग के सदस्यों तक पहुंचाने का मुख्य रूप से कार्य करता था। इसके अलावा इस गैंग के जो सदस्य भारत से विदेशों में छुपने के लिये भाग जाते थे उनको विदेशों में शरण दिलाने एवं उनको पैसा उपलब्ध करवाना, उनके लिये फर्जी दस्तावेज तैयार करवाने का काम कर रहा था। रोहित गोदारा जब भारत से भागकर गया था तो अमित पण्डित ने ही इसकी रूकवाने की व्यवस्था की थी। अमित शर्मा ने लॉरेन्स गैंग के लिये आपराधिक गतिविधियां शुरू की जिसकी सूचनाएं प्राप्त हुई, जिस पर तत्कालीन उप महानिरीक्षक पुलिस, श्री योगेव यादव, सी.आई.डी. (सी.बी.) के सुपरविजन में कार्यवाही शुरू की गई, जिसको वर्तमान उप महानिरीक्षक पुलिस, श्री दीपक भार्गव, सी.आई.डी. (सी. बी.), राज., जयपुर के सुपरविजन में निरन्तर जारी रखकर ए.जी.टी.एफ. की टीम को कार्यवाही करने के लिये सक्रिय किया गया। अपराधी अमित शर्मा उर्फ जैक पण्डित पुत्र विनोद शर्मा निवासी 15 जेड, पुलिस थाना मटीली राठान, जिला श्रीगंगानगर के कई प्रकरणों में वांछित चल रहा था। इसी दौरान मौका पाकर यह विदेश भाग गया था और गैंग के लिये सक्रिय रूप से काम करने लग गया। ए.जी.टी.एफ. की टीम ने इसके विदेश में होने की सूचनाएं प्राप्त की। इस अपराधी की आपराधिक गतिविधि और गैंग में इसके सक्रियता के संबंध में श्रीमती अमृता दुहान, पुलिस अधीक्षक जिला श्रीगंगानगर ने भी काफी सूचनाएं एकत्रित की एवं इसके गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए कार्यवाही प्रारम्भ की गई। प्राप्त सूचनाओं के अनुसार यह अपराधी भारत से दुबई, दुबई से स्पेन और स्पेन से कुछ अन्य देशों से होते हुए अमेरिका पहुंचा। इसके अमेरिका और स्पेन में होने की सुचना प्राप्त होने पर सी.बी.आई. इन्टरपोल ब्रान्च के माध्यम से अमेरिकन एजेन्सियों को इसके रेड कार्नर नोटिस व अन्य दस्तावेज भेजकर सूचित किया गया, जिस पर अमेरिकन एजेन्सियों ने इसको डिटेन कर कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है। यह अपराधी विदेश में बैठकर पहले लॉरेन्स विश्नोई गैंग के लिए अपराधिक कार्य कर रहा था और वर्तमान में यह रोहित गोदारा व गोल्डी बराड़ के लिये फिरौती की रकम को विदेशों में हवाला और मनी ट्रान्सेक्शन के अन्य माध्यमों से राशि प्राप्त कर गैंग के लिये अपराधियों तक पहुंचाना, अवैध राशि से गैंग के लिये हथियार खरीदना और ड्रग्स के कार्य सक्रिय रूप से कर रहा था। कई उपनाम :- अमित शर्मा ने विदेश भागने के बाद अपनी पहचान छुपाने के लिये कई नाम बदले। गैंग में उसको जैक उर्फ सुल्तान उर्फ डॉक्टर उर्फ पण्डित जी, उर्फ अर्पित आदि नामों से जाना जाता था। लेकिन गैंग के सदस्यों द्वारा इस अपराधी का नाम कभी सामने नहीं लाया गया। मुख्य कार्य :- इस अपराधी का मुख्य कार्य गैंग के लिए फाइनेंस का काम सम्भालना था, जिसके लिए वह एक्सर्टेशन मनी को विदेशों में रिसीव करने एवं विभिन्न माध्यमों से गैंग के सदस्यों तक पहुंचाने का मुख्य रूप से कार्य करता था। इसके अलावा इस गैंग के जो सदस्य भारत से विदेशों में छुपने के लिये भाग जाते थे उनको विदेशों में शरण दिलाने एवं उनको पैसा उपलब्ध करवाना, उनके लिये फर्जी दस्तावेज तैयार करवाना था। ए.जी.टी.एफ. को काफी समय से सूचना मिल रही थी कि इस गैंग के लिए एक्सर्टेशन राशि को विदेशों में पहुंचाने का काम अमित पण्डित विदेश में बैठकर कर रहा है, जिस पर अमित पण्डित उर्फ जैक के विदेशी और स्थानीय नेटवर्क की सम्पूर्ण जानकारी जुटाई गई। इसके विदेशी ठिकानों को चिन्हित किया गया। इसके संबंध में काफी सूचनाएं प्राप्त होने पर संबंधित एजेन्सियों को सूचित करवाकर अमेरिकन एजेन्सियों को सूचित किया गया। अमित पण्डित रोहित गोदारा के विदेश भागने से पहले ही खुद विदेश में अपना नेटवर्क तैयार कर रहा था। अमित पण्डित के संबंध में इसके आपराधिक गतिविधियों की जानकारी प्राप्त होने पर श्रीगंगानगर एवं पंजाब में इसे जुड़े हुए स्थानीय अपराधियों की गिरफ्तारी करने के लिये सूचित किया गया, जिस पर कई अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है। वर्तमान में रोहित गोदारा और वीरेन्द्र चारण / गोल्डी बरार जो विदेशों में भागे हुए है, ये अमित पण्डित के निरन्तर सम्पर्क में थे। इन लोगों को विदेश में शरण दिलाने उनके लिए फाइनेन्स की व्यवस्था करने व देश में फायरिंग, फिरौती व रैकी करवाने के काम में काफी जगह अमित पण्डित की अहम भूमिका रही है। प्राप्त सूचनाओं के अनुसार अमित पण्डित उर्फ जैक विदेशों में ड्रग्स कारोबार में भी सम्मिलित है। अब अमित पण्डित को भारत लाने के प्रयास शुरू कर दिये गये है। इस अपराधी के खिलाफ पूर्व में ही रेड कार्नर नोटिस जारी हो चुका था जिसको भारत लाकर अनुसंधान किया जायेगा। गोल्डी बरार-रोहित गोदारा गैंग को अमित पण्डित के माध्यम से पैसा उपलब्ध करवाने वाले लोगों पर कड़ा एक्शन बी.एन.एस. की धारा 111 के अन्तर्गत गैंग व संगठित अपराध से जुड़े गैंग के लिये वित पोषण उपलब्ध करवाने पर प्रकरण दर्ज किये जाकर गिरफ्तारियां की जायेगी।
टीम सदस्य :- 1. श्री सिद्वान्त शर्मा, अति. पुलिस अधीक्षक । 2. श्री नरोतम वर्मा, अति. पुलिस अधीक्षक । 3. श्री रविन्द्र प्रताप, पुलिस निरीक्षक। 4. श्री सुनील जांगिड़, पुलिस निरीक्षक । 5. श्री मनीष शर्मा, पुलिस निरीक्षक । 6. श्री कमलपुरी, पुलिस निरीक्षक । 7. श्री रमेश कुमार, हैड कानि. 187। 8. श्री सुभाषचन्द, कानि. 800। 9. श्री सुरेन्द्र कुमार, कानि. 68।
विशेष रणनीतिः लॉरेन्स विश्नोई-गोल्डी बरार-रोहित गोदारा गैंग के कई सदस्य विदेशों से नेटवर्क चला रहे है, जिनके लिए ए.जी.टी.एफ. द्वारा विदेश में इनके नेटवर्क के बारे में जानकारियां जुटाई जा रही है, इनके आर.सी.एन. व इन्टरपोल रेफरेन्स लेटर नियमित रूप से प्रेषित किये जा रहे है। सी.बी.आई. इन्टरपोल के माध्यम से इनके भारत में डिपार्टेशन की प्रक्रिया जारी है। विदेशों में इनके गैंग्स के ठिकानों में इन गैंग के लिए कार्य करने वाले व मुख्य आरोपियों को भी गिरफ्तार करवाकर डिपोर्ट करवाया जाएगा। विशेष : देश-विदेश में यह गैंग ऐसे लोगों की भी मदद ले रही है, जिनके रिश्तेदार, सहयोगी, मित्र विदेशों में कामगार है एवं विदेश कई समय से रह रहे है। इन लोगों की भी सूचीबद्व कर एवं डाटा भी ए.जी.टी.एफ. ने जुटाये है, अब जो व्यक्ति देश-विदेश में बैठकर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से इस गैंग को किसी प्रकार की मदद करेंगे, उस पर नये बी.एन.एस. की धारा 111 के तहत् विभिन्न उपविधियां अनुसार कार्यवाही ए.जी.टी.एफ. के द्वारा की जाएगी।

