24 News Update भीलवाड़ा। सहाड़ा क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा नेता, पूर्व विधायक और शिक्षाविद् डॉ. रतनलाल जाट का जयपुर के एक निजी अस्पताल में आज लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे पिछले कई समय से मल्टीपल स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे और लगातार उपचाराधीन थे। उनके निधन से सहाड़ा क्षेत्र और शिक्षा जगत में शोक की लहर है।
शिक्षक से जनसेवक तक का सफर
12 दिसंबर 1948 को भीलवाड़ा जिले के सहाड़ा में जन्मे डॉ. रतनलाल जाट ने उच्च शिक्षा प्राप्त कर Ph.D. और LL.M. की उपाधि हासिल की। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर शिक्षक की और शिक्षा के साथ-साथ समाजसेवा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किया। बाद में वे सक्रिय राजनीति में आए और जनहित के मुद्दों को मुखरता से उठाया।
जनता दल से आरंभ, भाजपा में निखरा राजनीतिक जीवन
डॉ. जाट ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत जनता दल से की और वर्ष 1990 में पहली बार सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद वे भारतीय जनता पार्टी से जुड़े और 1998 में पुनः विधायक बने। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने राजस्थान सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य करते हुए राज्य के शिक्षा क्षेत्र में सुधारों की दिशा में कई पहलें कीं।
बीज निगम अध्यक्ष और जिला प्रमुख के रूप में भी दी सेवाएं
राज्य स्तर पर उन्हें राजस्थान राज्य बीज निगम के अध्यक्ष और भीलवाड़ा जिला प्रमुख के रूप में भी कार्य करने का अवसर मिला। वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में वे मामूली अंतर से हार गए, किंतु उन्होंने राजनीति से दूरी नहीं बनाई और 2021 के सहाड़ा उपचुनाव में पुनः भाजपा प्रत्याशी के रूप में सक्रिय भूमिका निभाई।
सादगी और जनसेवा की मिसाल
डॉ. रतनलाल जाट अपने सादे जीवन, शालीन स्वभाव और शिक्षा तथा ग्रामीण विकास के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते थे। उन्होंने हमेशा युवाओं को शिक्षा और सामाजिक जागरूकता के माध्यम से आगे बढ़ने का संदेश दिया। क्षेत्र की जनता उन्हें एक ईमानदार, कर्मठ और जनहितैषी नेता के रूप में सदा याद रखेगी।

