उदयपुर। वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र की पंचायत समितियों में विकास कार्यों की रफ्तार और पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े करते हुए क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता रणधीर सिंह भीण्डर ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने पंचायत समितियों में विकास कार्यों की स्वीकृति में हो रही देरी और संभावित भ्रष्टाचार की आशंका जताई है। अपने पत्र में भीण्डर ने उल्लेख किया कि वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वल्लभनगर, भीण्डर और कुराबड़—तीन पंचायत समितियां आती हैं, जहां करोड़ों रुपये की विकास राशि उपलब्ध होने के बावजूद जनहित के कार्य स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पंचायत समितियों के प्रधानों द्वारा विकास कार्यों के आदेश दिए जाने के बाद भी संबंधित विकास अधिकारियों ने दो माह से अधिक समय बीतने के बावजूद फाइलों को लंबित रखा।
कार्यकाल समाप्त होने तक राशि रोके रखने का आरोप
पूर्व विधायक ने पत्र में यह भी आरोप लगाया कि कुछ अधिकारियों की मंशा प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होने तक राशि को रोके रखने की थी, ताकि बाद में अपने अनुकूल तरीके से स्वीकृतियां जारी कर कमीशनखोरी में कोई अड़चन न आए। उन्होंने कहा कि हाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ हुई कार्रवाई से कुछ अधिकारी जरूर सतर्क हुए हैं, लेकिन भविष्य में ऐसी गतिविधियों की पुनरावृत्ति की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
निगरानी समिति गठन का सुझाव
रणधीर सिंह भीण्डर ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि प्रत्येक पंचायत समिति में पंचायत समिति सदस्यों को शामिल कर एक निगरानी समिति का गठन किया जाए। यह समिति विकास कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाने के साथ-साथ प्रशासनिक स्तर पर होने वाली अनियमितताओं और भ्रष्टाचार पर प्रभावी रोक लगाने में मददगार साबित हो सकती है।
सरकार से ठोस कदम उठाने की अपेक्षा
पूर्व विधायक ने विश्वास व्यक्त किया कि राज्य सरकार इस विषय को गंभीरता से लेकर आवश्यक कदम उठाएगी, जिससे पंचायत समितियों में विकास कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे हो सकें और क्षेत्र की जनता को वास्तविक लाभ मिल सके।
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