24 News Update उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधीन डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में आयोजित फूड फेयर में विद्यार्थियों ने तकनीकी दक्षता और नवाचार का शानदार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर महाविद्यालय की चार अनुभवात्मक प्रशिक्षण इकाइयों में तैयार किए गए विभिन्न खाद्य उत्पाद प्रदर्शित और विक्रय हेतु प्रस्तुत किए गए।
फूड फेयर का उद्घाटन करते हुए महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. लोकेश गुप्ता ने बताया कि महाविद्यालय में दुग्ध एवं खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ विद्यार्थियों को उद्यमशीलता के लिए प्रेरित किया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में महाविद्यालय में कार्यरत चार प्रशिक्षण इकाइयों में विद्यार्थियों और स्थानीय उद्यमियों को नियमित तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाता है। साथ ही विशिष्ट मार्गदर्शन हेतु विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया जाता है।
डॉ. गुप्ता ने कहा कि महाविद्यालय की इन इकाइयों से प्रशिक्षित विद्यार्थियों ने उद्योग जगत में अपनी अलग पहचान बनाई है। तकनीकी प्रशिक्षण की गुणवत्ता को देखते हुए कई बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ महाविद्यालय की प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट इकाई से संपर्क बनाए हुए हैं।
खजूर सिरप से लेकर हेल्दी स्नैक्स तक, नवाचार की झलक
फूड फेयर में विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत उत्पादों में सबसे अधिक आकर्षण खजूर से बना हेल्दी सिरप रहा, जो गुलाब और कॉफी फ्लेवर में उपलब्ध था। मधुमेह रोगियों और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु इसे विशेष अनुसंधान के बाद तैयार किया गया है। यह सिरप गर्म या ठंडे दूध में मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है।
महाविद्यालय की सह-आचार्य एवं प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. निकिता वधावन ने बताया कि विद्यार्थियों ने स्थानीय उत्पादों के मूल्य संवर्धन और उत्पादन लागत में कमी लाने पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों ने मठरी और भाखरवड़ी जैसे परंपरागत खाद्य पदार्थों को वैज्ञानिक विधियों से तैयार किया, ताकि बुजुर्ग और दांतों की समस्या वाले लोग भी आसानी से इनका आनंद ले सकें।
टेक्नोलॉजी से सजी टमाटर सॉस, लहसुनयुक्त अचार और त्योहार स्पेशल मिठाइयाँ
टमाटर प्रसंस्करण इकाई में तैयार किया गया टमाटर सॉस इस फेयर का विशेष आकर्षण रहा, जिसे विद्यार्थियों ने तकनीकी प्रक्रिया की जानकारी देते हुए स्वयं बेचा। आम के अचार में लहसुन और कम तेल का प्रयोग कर हृदय-हितकारी रूप में प्रस्तुत किया गया। वहीं, त्योहारों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों ने बेसन के लड्डू, पेडे़ और हेल्दी चॉकलेट भी तैयार की। इसके अतिरिक्त, मक्का प्रसंस्करण इकाई में तैयार नानखटाई और बिस्किट भी दर्शकों के लिए रुचिकर रहे। विद्यार्थियों ने शकरपारे में चीज़ मिलाकर आधुनिक स्वाद का समावेश किया। डॉ. वधावन ने बताया कि यह महाविद्यालय राजस्थान का सबसे पुराना डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान है, जो 1982 से तकनीकी मानव संसाधन तैयार कर रहा है। विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम से इतर व्यावहारिक समझ देने के लिए अनुभवात्मक प्रशिक्षण इकाइयाँ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। फूड फेयर के सफल आयोजन में इंजी. सुरभि शर्मा, इंजी. वैभव बोकडिया, इंजी. अली जुनैद, डॉ. कोमल ओझा, डॉ. भाविका सिंघवी, श्री हरी सिंह और श्री हेमराज सहित अनेक संकाय सदस्यों का उल्लेखनीय योगदान रहा।
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