
24 न्यूज अपडेट, जोधपुर। जोधपुर पुलिस ने 500-500 के जाली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मौके से 7.50 लाख रुपए की नकली करेंसी जब्त की है, जिसे बाजार में खपाने की तैयारी थी। यह कार्रवाई मंगलवार देर रात मंडोर कृषि उपज मंडी क्षेत्र में की गई, जहां आरोपियों ने एक दुकान के ऊपर किराए के कमरे में फर्जी नोट छापने की पूरी फैक्ट्री बना रखी थी।
2 लाख में देते थे 10 लाख के जाली नोट
पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह नकली नोट बेचने की तय दर पर काम करता था। दो लाख रुपए में 500-500 के 10 लाख रुपए के नकली नोट उपलब्ध कराए जाते थे। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह गिरोह संभवतः बड़े व्यापारियों या असंगठित बाजारों को निशाना बना रहा था।
कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर से बनाते थे नकली नोट
छापेमारी के दौरान पुलिस ने कलर प्रिंटर, स्कैनर, पेपर के पैकेट, कटर, कंप्यूटर सिस्टम और बड़ी मात्रा में छपे हुए नकली नोट जब्त किए हैं। गिरोह के दो सदस्य—श्रवण व्यास (28 वर्ष), निवासी पांचौड़ी, नागौर और बाबूलाल प्रजापत (40 वर्ष), निवासी भावंडा—को हिरासत में लिया गया है। ये दोनों एक किराए के कमरे में यह अवैध धंधा चला रहे थे। डीसीपी आलोक श्रीवास्तव के अनुसार, पिछले कुछ समय से मंडोर मंडी और आस-पास के क्षेत्रों में नकली नोट चलने की सूचना मिल रही थी। इस पर डीएसटी (ईस्ट) प्रभारी श्यामसिंह के नेतृत्व में टीम बनाई गई, जिसमें साइबर विशेषज्ञ भी शामिल थे। कई दिन तक रेकी और तकनीकी निगरानी के बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
बालसमंद में भी किराए का ठिकाना, नेटवर्क की तलाश जारी
पूछताछ में सामने आया है कि आरोपियों का एक और ठिकाना बालसमंद के मगजी की घाटी क्षेत्र में भी है, जहां पुलिस उन्हें लेकर पहुंची और पूछताछ की। पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है जो इनसे जाली नोट खरीदकर उन्हें बाजार में चला रहे थे।
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