Site icon 24 News Update

“शिक्षा मंत्री लापता”- जयपुर में लगे पोस्टर, अमायरा केस में 38 दिन की चुप्पी पर गुस्सा फूटा

Advertisements

24 News Update जयपुर। नीरजा मोदी स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा अमायरा की संदिग्ध आत्महत्या को 38 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक न स्कूल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई हुई और न ही राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कोई ठोस पहल दिखी।
इसी खामोशी के विरोध में सोमवार सुबह शहरभर में शिक्षा मंत्री के “लापता” होने के पोस्टर चिपकाए गए, जिन पर बड़ा शीर्षक था- “राजस्थान के माता-पिता शिक्षा मंत्री को खोज रहे हैं”
पोस्टर कई मुख्य चौराहों, बस स्टैंडों, ट्रैफिक सिग्नल और शहर के प्रमुख मार्गों पर दिखाई दिए। इन पोस्टरों में आरोप लगाया गया कि एक निजी स्कूल में 9 वर्षीय बच्ची बुलिंग से तंग आकर अपनी जान दे देती है, और शिक्षा मंत्री कार्रवाई तो दूर, मामले की परवाह तक नहीं करते। पोस्टर में यह भी लिखा गया कि “स्कूल ने विभाग के अधिकारियों को अंदर तक नहीं जाने दिया और मंत्री साहब चुप रहे।”

38 दिन हो गए… शिक्षा मंत्री नजर ही नहीं आए—परिवर्तन संस्था
पोस्टर लगाने वाली सामाजिक संस्था परिवर्तन की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि “अमायरा की मौत केवल एक हादसा नहीं, स्कूल की गंभीर लापरवाही है। सीबीएसई की रिपोर्ट में यह स्पष्ट है। लेकिन शिक्षा मंत्री इस पूरे मामले में पूरी तरह अनुपस्थित हैं—न कोई दौरा, न कोई बयान, न कार्रवाई।”

पिछले दो वर्षों के मुद्दों पर भी मंत्री निशाने पर
परिवर्तन संस्था के अध्यक्ष आशुतोष रांका ने कहा कि शिक्षा मंत्री की यह चुप्पी नई नहीं है।
उनके मुताबिक— झालावाड़ में स्कूल बिल्डिंग गिरने से बच्चों की मौत, दूध पाउडर घोटाला,
किताबें समय पर उपलब्ध न होना, SIR नियमों के चलते शिक्षकों की आत्महत्याएं —इन गंभीर घटनाओं पर भी मंत्री सक्रियता नहीं दिखा सके। राका का आरोप है, “अब अमायरा केस में भी वही बेरुखी दिख रही है।”

72 घंटे की अल्टीमेटम—कार्रवाई न हुई तो पूरे राजस्थान में लगेंगे पोस्टर
संस्था ने चेतावनी दी है कि अगर 72 घंटे के भीतर नीरजा मोदी स्कूल पर कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो “लापता शिक्षा मंत्री” शीर्षक वाले ये पोस्टर पूरे जयपुर ही नहीं, पूरे राजस्थान में लगाए जाएंगे।

अमायरा केस: 1 नवंबर को पांचवीं मंजिल से छलांग
1 नवंबर को नीरजा मोदी स्कूल में 9 साल की छात्रा अमायरा ने पांचवीं मंजिल से कूदकर जान दे दी थी।
परिवार का आरोप है कि बच्ची को लंबे समय से बुलिंग का सामना करना पड़ रहा था, जिस पर स्कूल कोई कार्रवाई नहीं कर रहा था।
CBSE की प्रारंभिक रिपोर्ट में भी स्कूल लापरवाही के संकेत मिले हैं।

Exit mobile version