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डॉ.मुर्डिया से 30 करोड़ की ठगी: रैकेट का पर्दाफाश, विक्रम भट्ट की पत्नी के खाते में जाता था पैसा

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24 News Update उदयपुर। फिल्म बनाने का सपना दिखाकर शहर के नामी चिकित्सक से 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि फिल्म निर्देशक विक्रम भट्ट और उनके सहयोगियों द्वारा तैयार की गई योजना के तहत पीड़ित से लिए गए करोड़ों रुपये फर्जी वेंडरों के खातों के जरिये विक्रम भट्ट की पत्नी श्वेतांबरी भट्ट के बैंक खाते में भेजे जाते थे। पुलिस रिमांड पर चल रहे दो आरोपियों—को-प्रोड्यूसर महबूब अंसारी और वेंडर संदीप विश्वनाथ त्रिभुवन—ने पूछताछ में यह जानकारी दी है। दोनों को 23 नवंबर तक रिमांड पर रखा गया है और पुलिस उनसे लगातार पूछताछ कर रही है।
मामले के अनुसार इंदिरा IVF के संस्थापक डॉ. अजय मुर्डिया को चार फिल्मों में निवेश करवाने का प्रलोभन देकर लगभग 30 करोड़ रुपये हड़पे गए। आरोप है कि डॉक्टर को 200 करोड़ की कमाई का झांसा देकर भुगतान करवाए गए। इस मामले में विक्रम भट्ट, उनकी पत्नी श्वेतांबरी, बेटी कृष्णा भट्ट सहित कुल आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है।
जांच में यह भी सामने आया कि डॉक्टर से ऑनलाइन पेमेंट करवाने के लिए दर्जनों फर्जी वेंडर तैयार किए गए थे। पेंटर, ऑटो चालक से लेकर छोटे दुकानदारों तक को वेंडर बनाकर फर्जी बिल उठाए जाते थे। आरोपियों ने स्वीकार किया है कि 25 से अधिक बार इन फर्जी खातों में पेमेंट आया, जिसमें हर बार लगभग दो लाख रुपये लिए जाते थे। इनमें से करीब 1.40 लाख रुपये श्वेतांबरी भट्ट के खाते में ट्रांसफर कर दिए जाते थे, जबकि शेष 60 हजार रुपये वेंडर अपने पास रख लेते थे।
पुलिस अब उदयपुर निवासी दिनेश कटारिया की तलाश में जुटी है, जिसने पीड़ित डॉक्टर और विक्रम भट्ट के बीच डील करवाई थी। जानकारी मिली है कि कटारिया मुंबई में छिपा हुआ है। इसके अलावा दिल्ली निवासी मुदित बुटट्टान, गंगेश्वरलाल श्रीवास्तव (डीएससी चेयरमैन), और फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्पलाइज से जुड़े दो पदाधिकारी—अशोक दुबे और अन्य—भी जांच के दायरे में हैं। पुलिस इन सभी की गतिविधियों पर निगरानी रखे हुए है और उनकी भूमिका स्पष्ट होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
फर्जीवाड़े के बढ़ते सबूतों के बीच अब निर्देशक विक्रम भट्ट भी गिरफ्तारी की जद में आ गए हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांजिट बेल की अर्जी दायर की है। जाँच में सामने आया है कि चार फिल्मों के नाम पर कुल 44.29 करोड़ रुपये लिए गए थे, जिनमें ‘महाराणा’ (जिसका नाम बाद में रण बताया गया) नामक फिल्म के लिए ही 25 करोड़ का करार हुआ था। इस फिल्म की शूटिंग आज तक शुरू नहीं हुई।

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