- राज्यभर में गैंग और हार्डकोर अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश
24 News Update जयपुर। राजस्थान में सक्रिय संगठित आपराधिक गैंगों पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शनिवार को राजस्थान पुलिस महानिदेशक श्री राजीव कुमार शर्मा की अध्यक्षता में पुलिस मुख्यालय, जयपुर में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में संगठित अपराध से अधिक प्रभावित जिलों और रेंजों के आईजी, एसपी, डीएसटी व साइबर सेल प्रभारी, तथा एजीटीएफ प्रभारी दिनेश एम.एन., एडीजी बीजू जॉर्ज जोसेफ, जयपुर पुलिस कमिश्नर सचिन मित्तल, एडीजी अपराध श्री हवा सिंह, और एटीएस/एसओजी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्यभर में सक्रिय गैंगों की पहचान कर उनके विरुद्ध कठोर, समन्वित एवं प्रभावी कार्रवाई की रणनीति तैयार करना था।
डीजीपी बोले — अपराधियों को हतोत्साहित करना और जनता में सुरक्षा की भावना बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता
डीजीपी श्री राजीव शर्मा ने कहा कि राजस्थान पुलिस संगठित अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। अपराधियों को हतोत्साहित करना, जनता में सुरक्षा की भावना बनाए रखना और कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ रखना पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि गैंग संचालन, धमकी, वसूली, फायरिंग और हत्या जैसे गंभीर अपराधों में लिप्त तत्वों के विरुद्ध त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाए। डीजीपी ने सभी जिलों को निर्देश दिए कि अपराधियों के आर्थिक स्रोतों पर भी प्रहार किया जाए तथा धारा 111 बीएनएस के तहत कार्यवाही कर अपराधियों के हौसले पस्त किए जाएं।
पूरे आपराधिक तंत्र को ध्वस्त करने की रणनीति
डीजीपी शर्मा ने कहा कि अब कार्रवाई केवल अपराधियों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पूरे आपराधिक नेटवर्क को ध्वस्त किया जाएगा। उन्होंने गैंग से जुड़े सहयोगियों, सोशल मीडिया पर उनके प्रचार-प्रसार करने वालों के विरुद्ध भी सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए।
बैठक में जिलों व रेंजों के अधिकारियों ने अपने-अपने कार्यक्षेत्र में सक्रिय गैंगों की जानकारी व उन्हें निष्क्रिय करने की कार्ययोजना प्रस्तुत की। डीजीपी ने कहा कि पुलिस तकनीक का अधिकतम उपयोग करे, सूचनाओं का आपसी साझा तंत्र सशक्त बनाए, और परंपरागत तरीकों के साथ नई कार्यप्रणाली अपनाए।
फायरिंग, मर्डर और धमकी के मामलों की समीक्षा
बैठक में फायरिंग, मर्डर और धमकी से जुड़े लंबित प्रकरणों की समीक्षा की गई। डीजीपी ने निर्देश दिए कि जिन मामलों में गिरफ्तारी लंबित है, उन्हें प्राथमिकता से निपटाया जाए और फरार अपराधियों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।
उन्होंने अदालतों में चालान प्रस्तुत करने की स्थिति की समीक्षा रिपोर्ट भी मांगी। डीजीपी ने कहा कि किसी भी स्तर पर अपराधियों की धमकी या भय का वातावरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वरिष्ठ अधिकारियों से मिले महत्वपूर्ण इनपुट
बैठक में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने अनुभव और सुझाव साझा किए — एडीजी दिनेश एम.एन. ने गैंगों की संरचना और उनके विरुद्ध चल रही कार्यवाहियों पर विस्तृत योजना प्रस्तुत की। एडीजी बीजू जॉर्ज जोसेफ ने हर अपराधी का सिलसिलेवार पीछा कर उन्हें गिरफ्तार करने पर बल दिया।
एडीजी हवा सिंह ने पुराने अपराधियों और मामलों की ट्रैकिंग पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी। कमिश्नर सचिन मित्तल ने अपराधियों के डेटा रिकॉर्ड को एकीकृत कर सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान की आवश्यकता बताई।
15 मिनट की पीपीटी प्रस्तुति में हुई राज्य की अपराध स्थिति की समीक्षा
गोष्ठी के अंत में राज्य के सभी जिलों की अपराध स्थिति पर 15 मिनट की पॉवरपॉइंट प्रस्तुति दी गई। इसमें गैंगवार, धमकी, वसूली और संगठित अपराधों से संबंधित ताज़ा आंकड़े और अभियानों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। डीजीपी शर्मा ने कहा कि राजस्थान पुलिस की यह समन्वित पहल न केवल अपराधियों को हतोत्साहित करेगी, बल्कि आमजन में सुरक्षा और विश्वास की भावना को भी और मजबूत करेगी।

