24 News Update उदयपुर। राजीव गांधी स्टडी सर्कल, उदयपुर संभाग द्वारा मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के बप्पा रावल सभागार में 27 सितंबर 2025 को आयोजित सेमिनार का उद्घाटन कार्यक्रम धूमधाम से संपन्न हुआ। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री और स्टडी सर्कल चेयरमैन श्री अशोक गहलोत मुख्य वक्ता थे।
आयोजक प्रो. दरियाव सिंह चुंडावत ने बताया कि कार्यक्रम में अशोक गहलोत ने महात्मा गांधी के विचारों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि उनके विचारों के बिना लोकतंत्र की सफलता की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि गांधी ने आजादी की लड़ाई में आम आदमी को जोड़कर देश की राजनीति में उसकी महत्ता स्थापित की और संविधानवादी संघर्ष के माध्यम से जनता को सत्ता परिवर्तन के संस्कार दिए। उनका यह योगदान आज़ादी के बाद भारत को सबसे बड़े लोकतंत्र और संविधान के निर्माण तक ले गया। गहलोत ने गांधी के शांति, सत्य, अहिंसा और प्रेम के सिद्धांतों को कालातीत बताया और कहा कि यही कारण है कि उनकी प्रतिमाएं सैकड़ों देशों में स्थापित हैं।
मुख्य वक्ता और स्टडी सर्कल के राष्ट्रीय समन्वयक प्रो. सतीश कुमार राय ने कहा कि दशहरा और गांधी जयंती एक साथ पड़ने का यह वर्ष का संयोग गांधी के आदर्शों की गहराई को दर्शाता है। गांधी आधुनिक दौर के सबसे बड़े रामभक्त थे, जन तादात्म्य की राजनीति के नायक थे और नैतिक मूल्यों एवं मानवीय आदर्शों के लिए प्रतिबद्ध थे। उनके सत्याग्रह और सेकुलर दृष्टिकोण के बिना लोकतंत्र नहीं चल सकता।
सेमिनार में स्टडी सर्कल राज्य समन्वयक प्रो. डी.एस. खीची ने गांधी दर्शन की सर्वकालिक प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। औपचारिक स्वागत भाषण करते हुए राज्य सह समन्वयक और कार्यक्रम संयोजक प्रो. डी.एस. चुंडावत ने महात्मा गांधी पर कार्यक्रमों की श्रृंखला चलाने का संकल्प व्यक्त किया और सभी प्रोफेसर्स, शिक्षकों, एनएसयूआई के छात्रों और अतिथियों का स्वागत किया।
विषय प्रवर्तन करते हुए डा. गिरिराज सिंह चौहान ने कहा कि गांधी के जीवन दर्शन में सभी के लिए सीखने योग्य बातें हैं। अभी तक उनके विचारों को पूरी तरह आत्मसात नहीं किया गया है, जबकि यह असुरक्षा और कलह से भरी दुनिया में अत्यंत प्रासंगिक हैं।
धन्यवाद ज्ञापन डा. देवेन्द्र सिंह राठौड़ ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में एनएसयूआई के छात्रों ने पुष्प वर्षा के साथ श्री अशोक गहलोत का भव्य स्वागत किया। सेमिनार में विद्वतजन, शिक्षक और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित हुए और गांधी के विचारों और उनके आज भी प्रासंगिक संदेशों पर विस्तृत चर्चा हुई।
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