डूंगरपुर। जिले में मनरेगा कार्यों और किसानों के फसल मुआवज़े को लेकर कांग्रेस विधायक व जिलाध्यक्ष गणेश घोघरा का कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। लगातार बढ़ते दबाव को देखते हुए शाम को एसडीएम और अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एसीईओ) मौके पर पहुंचे और बातचीत कर धरना समाप्त कराने की कोशिश की, लेकिन वार्ता असफल रही।
“मांगें पूरी हुए बिना नहीं उठेंगे”—घोघरा
अधिकारियों के सामने विधायक घोघरा ने साफ कहा कि जब तक प्रशासन उनकी प्रमुख मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लेता, तब तक धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि पिछले 14 दिनों में प्रशासन को कई बार अवगत कराने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
विधायक की तीन मुख्य मांगें
विधायक घोघरा ने धरने के केंद्र में मौजूद मांगों को विस्तार से बताया—
- मनरेगा में लंबित कार्य स्वीकृतियों को तुरंत जारी किया जाए।
- जिलेभर में रोजगार गारंटी के कार्य शुरू कर लोगों को तत्काल रोजगार उपलब्ध कराया जाए।
- नरेगा के लंबित भुगतान और फसल खराबे का मुआवज़ा शीघ्र जारी किया जाए।
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को रोजगार और किसानों को राहत पहुंचाने के लिए प्रशासन की त्वरित कार्रवाई बेहद जरूरी है, परंतु विभागीय उदासीनता के कारण लोगों में रोष लगातार बढ़ रहा है।
पहली वार्ता विफल
एसडीएम और एसीईओ द्वारा समझाइश देने के बावजूद घोघरा अपने रुख पर कायम रहे। बातचीत किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची। अधिकारी पुनः वार्ता की कोशिश करेंगे, लेकिन फिलहाल विधायक घोघरा और उनके समर्थक कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर डटे हुए हैं।

