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चित्तौड़गढ़: लेबर पेन में पहुंची महिला की इलाज के अभाव में मौत, गर्भस्थ शिशु भी नहीं बचा; डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

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24 News update चित्तौड़गढ़ | चित्तौड़गढ़ के सांवरिया जी महिला एवं बाल हॉस्पिटल में प्रसव के दौरान एक महिला और उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में हंगामा किया और आरोपी डॉक्टर को बर्खास्त करने की मांग की है। मृतक महिला की पहचान प्रीति कंडारा (29) के रूप में हुई है। पति नरेश कंडारा के अनुसार, रात करीब 2:30 बजे पत्नी को तेज प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद वे तुरंत महिला एवं बाल हॉस्पिटल पहुंचे। वहां मौजूद स्टाफ ने बताया कि उस समय कोई डॉक्टर मौजूद नहीं है। नरेश ने कई बार ऑन ड्यूटी डॉक्टर दीप्ति श्रीवास्तव को कॉल किया, लेकिन उन्होंने पहले फोन नहीं उठाया और बाद में कॉल रिसीव कर सिर्फ इतना कहा कि “दर्द होता है, स्टाफ देख लेगा”।

इंजेक्शन के बाद बिगड़ी हालत, फिर ICU में भर्ती
नर्सिंग स्टाफ ने बिना डॉक्टर की मौजूदगी में महिला को भर्ती कर लिया। सुबह जब उसे इंजेक्शन दिया गया, तो उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। इस पर स्टाफ घबरा गया और डॉक्टर को बुलाया गया। डॉक्टर दीप्ति श्रीवास्तव बाद में हॉस्पिटल पहुंचीं और महिला को आईसीयू में शिफ्ट किया गया। डॉक्टर ने ऑपरेशन कर शिशु को बाहर निकाला, लेकिन तब तक वह गर्भ में ही दम तोड़ चुका था। प्रीति की हालत भी गंभीर बनी रही और कुछ ही घंटे बाद उसने भी दम तोड़ दिया। इस खबर से परिजनों में कोहराम मच गया।

अधिकारियों ने संभाला मोर्चा, मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम
घटना की सूचना पर रावतभाटा एडीएम विनोद मल्होत्रा, गंगरार एसडीएम पंकज बड़गूजर, डीएसपी विनय चौधरी और सदर थाना अधिकारी निरंजन प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। पति नरेश कंडारा ने पुलिस को रिपोर्ट सौंपते हुए डॉक्टर को बर्खास्त करने की मांग की है। पोस्टमॉर्टम मेडिकल बोर्ड से करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया। इस घटना ने एक बार फिर सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, डॉक्टरों की जिम्मेदारी और आपातकालीन स्थितियों में त्वरित चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है।

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