24 न्यूज अपडेट, जयपुर। राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को राजस्थान लोकतंत्र के सेनानियों का सम्मान विधेयक, 2024 को ध्वनिमत से पारित किया गया। संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल ने कहा कि आपातकाल (25 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977) भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय था। इस दौरान भारतीय नागरिकों की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया, न्यायपालिका की स्वायत्तता बाधित हुई और लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन हुआ। लेकिन, लोकतंत्र सेनानियों ने अथक संघर्ष कर इसे पुनः स्थापित किया।
लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान के लिए सरकार की प्रतिबद्धता
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने 2019 में राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि नियम, 2008 को निरस्त कर दिया था, जिससे लोकतंत्र सेनानियों को मिलने वाली सहायता बंद हो गई थी। वर्तमान सरकार ने 14 मार्च 2024 को इन नियमों को पुनः प्रभावी कर दिया।
मुख्य बिंदु:
- राजस्थान में कुल 921 लोकतंत्र सेनानी एवं 219 दिवंगत सेनानियों के आश्रित (पति/पत्नी) को सम्मान राशि दी जाएगी।
- इन 1140 लाभार्थियों को प्रतिमाह 20,000 रुपये की पेंशन तथा 4,000 रुपये चिकित्सा सहायता मिलेगी।
- लोकतंत्र सेनानियों को निःशुल्क परिवहन सुविधा, राष्ट्रीय उत्सवों में विशेष आमंत्रण और सम्मान राशि दी जाएगी।
- सेनानी की मृत्यु होने पर उनके जीवनसाथी को जीवनभर सम्मान राशि व चिकित्सा सहायता मिलेगी।
लोकतंत्र बचाने वालों का सम्मान जरूरी
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों के त्याग और संघर्ष की वजह से ही आज भारत में लोकतांत्रिक माहौल कायम है। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए हजारों निर्दोष नागरिकों को जेल में डाल दिया गया। उन पर कड़े कानूनों के तहत मामले दर्ज किए गए, जिससे देशभर में भय का वातावरण बन गया।
आपातकाल के दौरान वंचित वर्गों का हुआ सबसे अधिक नुकसान
श्री पटेल ने कहा कि आपातकाल में संविधान का उल्लंघन किया गया, जबरन नसबंदी जैसे कठोर निर्णय लिए गए और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाया गया। इसका सबसे अधिक प्रभाव वंचित वर्गों पर पड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार का यह विधेयक लोकतंत्र सेनानियों को संबल देने और उनके योगदान को मान्यता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सरकार लोकतंत्र को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध
मंत्री ने कहा कि सरकार लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाने के लिए कार्य कर रही है और विधेयक पर आए सुझावों पर भी नियमों के तहत कार्य किया जाएगा। उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों के दीर्घायु होने की कामना की और जनता से उनके संघर्षों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
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