24 न्यूज अपडेट, जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने बीएससी नर्सिंग और जीएनएम कोर्स 2025-26 की काउंसलिंग प्रक्रिया को लेकर अहम फैसला सुनाया है। जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस अनुरूप सिंघी की खंडपीठ ने आदेश दिया कि केवल राज्य सरकार द्वारा वैध NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) प्राप्त संस्थानों को ही काउंसलिंग में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी। यह आदेश राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (RUHS) बनाम ऋद्धि सिद्धि एजुकेशन एंड रिसर्च सोसायटी, जोधपुर सहित अन्य मामलों में दिया गया।
मामला बीएससी नर्सिंग और जीएनएम कोर्स 2025-26 की काउंसलिंग प्रक्रिया से संबंधित था। पहले जोधपुर की ऋद्धि सिद्धि एजुकेशन एंड रिसर्च सोसायटी को एकल जज द्वारा अंतरिम आदेश में काउंसलिंग में भाग लेने की अनुमति दी गई थी। RUHS ने इस आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी, क्योंकि कई संस्थानों के पास वैध NOC नहीं था। कोर्ट ने दोनों पक्षों के सुनवाई के बाद स्पष्ट किया कि केवल वैध NOC वाले संस्थान ही काउंसलिंग में शामिल होंगे।
खंडपीठ ने 19 सितंबर 2025 के अपने फैसले का हवाला देते हुए कहा कि पहले भी 23 अलग-अलग अंतरिम आदेशों में ऐसे ही निर्देश जारी किए गए थे। RUHS का तर्क था कि राज्य सरकार द्वारा NOC की मंजूरी नहीं मिलने वाले संस्थानों को शामिल करने से प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। खंडपीठ ने तब काउंसलिंग पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को NOC पर शीघ्र निर्णय लेने के निर्देश दिए थे।
राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि संबंधित संस्थानों के NOC मुद्दे पर अंतिम निर्णय ले लिया गया है। कुल 52 संस्थानों को पात्र ठहराते हुए NOC प्रदान कर दिया गया है, जबकि कुछ संस्थानों के NOC अस्वीकार कर दिए गए हैं।
खंडपीठ ने आदेश में कहा कि:
RUHS केवल वैध NOC वाले संस्थानों को काउंसलिंग में शामिल करेगा। छात्रों को काउंसलिंग के बाद अस्थायी नामांकन प्रदान किया जाएगा, बशर्ते सभी वैधानिक आवश्यकताएं पूरी हों। जिन संस्थानों का NOC अस्वीकार किया गया है, वे कानून के अनुसार चुनौती देने के लिए स्वतंत्र होंगे। खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि यह फैसला 19 सितंबर के पहले से तय नियमों के दायरे में आता है। यानी, काउंसलिंग में केवल वैध NOC वाले संस्थान ही शामिल होंगे और संशोधित स्थिति के अनुसार प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
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