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पुरी रथयात्रा में भगदड़ से बड़ा हादसा: 3 की मौत, 50 घायल; CM ने मांगी माफी, कलेक्टर और SP का तबादला

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24 News Update पुरी (ओडिशा)। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान पुरी में रविवार तड़के करीब 4 बजे गुंडिचा मंदिर के सामने भगदड़ मच गई। हादसे में 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इनमें से 6 की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसे के बाद राज्य सरकार ने तत्काल पुरी कलेक्टर और SP को हटा दिया है, जबकि DCP और कमांडेंट को निलंबित कर दिया गया है।

कैसे हुआ हादसा?
भगदड़ की यह घटना पुरी के गुंडिचा मंदिर के सामने हुई, जो कि जगन्नाथ मंदिर से करीब 3 किमी दूर है। रविवार तड़के हजारों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष रथ के दर्शन के लिए वहां एकत्रित हुए थे। बताया जा रहा है कि बलभद्र और सुभद्रा के रथ पहले पहुंच चुके थे, लेकिन भगवान जगन्नाथ का रथ बाद में पहुंचा, जिससे रथ के दर्शन करने की होड़ मच गई। इसी भीड़ के दबाव में अव्यवस्था फैल गई और भगदड़ मच गई।
बसंती साहू (36 वर्ष) प्रेमकांति महांति (78 वर्ष) प्रभाती दास, इन तीनों श्रद्धालुओं की कुचलकर मौके पर ही मौत हो गई। शवों को पुरी मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में रखा गया है।

CM ने मांगी माफी, प्रशासन पर गिरी गाज
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना पर गहरा दुख जताया और X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा— “मैं और मेरी सरकार भगवान जगन्नाथ के सभी भक्तों से व्यक्तिगत रूप से क्षमा मांगते हैं। यह लापरवाही माफ करने योग्य नहीं है।”

मुख्यमंत्री के आदेश पर:
पुरी कलेक्टर और SP को हटाया गया। चंचल राणा को नया कलेक्टर और पिनाक मिश्रा को नया SP नियुक्त किया गया। DCP और एक कमांडेंट को सस्पेंड कर दिया गया। हादसे में घायल हुए सभी लोगों को पुरी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। अस्पताल के बाहर घायल श्रद्धालुओं के परिजनों की भीड़ जुटी हुई है। कई लोग अपने परिजनों को ढूंढते हुए बदहवास हालत में अस्पताल परिसर में घूमते देखे गए।

भीड़ नियंत्रण में चूक, सुरक्षा पर सवाल
प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय लोगों का कहना है कि घटना के समय वहां पर्याप्त पुलिस बल नहीं था। इसी वजह से स्थिति काबू से बाहर हो गई। एक घायल बच्ची को गोद में उठाकर बाहर निकालते परिजनों की तस्वीरें सामने आई हैं, जो प्रशासनिक लापरवाही की बानगी बन चुकी हैं।

रथयात्रा का क्रम और श्रद्धालुओं की भीड़
पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुक्रवार 27 जून की शाम 4 बजे शुरू हुई थी। सबसे पहले भगवान बलभद्र का तालध्वज रथ, फिर देवी सुभद्रा का दर्पदलन रथ और अंत में भगवान जगन्नाथ का नंदीघोष रथ खींचा गया।
शनिवार सुबह से रथों को गुंडिचा मंदिर तक लाने की प्रक्रिया जारी रही, और रविवार तड़के भगवान जगन्नाथ का रथ गुंडिचा मंदिर के पास पहुंचा, तभी दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ बेकाबू हो गई। इस रथयात्रा के दौरान शुक्रवार को 625 श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई थी, जिनमें से 70 को अस्पताल में भर्ती किया गया था। शनिवार को भी एक श्रद्धालु को रेस्क्यू वर्कर्स ने अस्पताल पहुंचाया था।

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