- जैनाचार्य श्रीमद् विजय रत्नसेन सूरीश्वर महाराज ने सुनाया धार्मिक प्रसंग
24 News Update उदयपुर। मालदास स्ट्रीट स्थित आराधना भवन में जैनाचार्य श्रीमद् विजय रत्नसेन सूरीश्वर महाराज की निश्रा में रविवार को श्री सीमंधर स्वामी की भावयात्रा में संवेदना केतुल तपोवनी एवं संगीत मीत शाह तपोवनी के द्वारा आयोजन खुब उत्साह-उल्लास के साथ संपन्न हुआ।
श्रीसंघ के कोषाध्यक्ष राजेश जावरिया ने बताया कि रविवार को मालदास स्ट्रीट के नूतन आराधना भवन में जैनाचार्य श्रीमद् विजय रत्नसेनसूरीश्वर ने प्रवचन देते हुए कहा कि हमारे पास कोई विद्या या लब्धि नहीं… भले ही किसी देवी-देवता का हमें प्रत्यक्ष सहयोग नहीं… फिर भी हमें जो मन मिला हैं, उस मन के माध्यम से हम कल्पना-शक्ति द्वारा महाविदेह-क्षेत्र में गमन कर सीमंधरस्वामी भगवंत के साक्षात् दर्शन कर सकते हैं… उन्हें वंदन कर सकते हैं और उनकी अमृतसी मीठी मधुरी धर्मदेशना का पान कर सकते हैं। अपनी आत्मा को परमात्म-वाणी से भावित कर अपूर्व कर्मनिर्जरा कर सकते हैं। सीमंधर स्वामीजी की भावयात्रा के द्वारा हम महान् पुण्य का बंध कर सकते हैं जिसके द्वारा आगामी भव में अथवा तीसरे चोथे भव में साक्षात् सीमंधर स्वामी भगवंत के शुभ सान्निध्य को प्राप्त कर आठ वर्ष की लघुवय में चारित्र धर्म का स्वीकार कर घाति-अघाति कर्मों का क्षय कर केवलज्ञान को प्राप्तकर अजरामर मोक्षपद प्राप्त कर सकते हैं। साक्षात् प्रभु के दर्शन हेतु तो हमारा पुण्य कमजोर हैं… परंतु हम इतने पुण्यशाली तो अवश्य हैं कि प्रतिदिन भाव यात्रा के द्वारा सीमंधर स्वामी के दर्शन कर सकते हैं… उनकी धर्मदेशना के अमृत का आस्वाद ले सकते है।
इस अवसर पर कोषाध्यक्ष राजेश जावरिया, अध्यक्ष डॉ.शैलेन्द्र हिरण, नरेंद्र सिंघवी, हेमंत सिंघवी, भोपालसिंह सिंघवी आदि मौजूद रहे।
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