24 News Update जयपुर। राज्य सरकार ने स्वच्छ जलाशयों से प्राप्त मछलियों के व्यापार, प्रदर्शन और वस्तु विनिमय को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है। यह आदेश 16 जून से 31 अगस्त 2025 तक लागू रहेगा और राज्य के समस्त जिलों में प्रभावी होगा। पशुपालन विभाग के उप शासन सचिव श्री संतोष करोल द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रतिबंधित अवधि में कोई भी व्यक्ति स्वच्छ जलाशयों की मछलियों को न तो बेच सकेगा, न वस्तु विनिमय में प्रस्तुत कर सकेगा, और न ही प्रदर्शित कर सकेगा। आदेश के अनुसार, यह कदम मछलियों के प्रजनन एवं संरक्षण को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
प्रजनन काल में संरक्षण उद्देश्य
यह प्रतिबंध मुख्य रूप से मछलियों के प्राकृतिक प्रजनन काल को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है। गर्मी और वर्षा के इस मौसम में अधिकांश देशी मछली प्रजातियाँ अंडे देती हैं, और इस दौरान जलाशयों में उनका शिकार जैव विविधता के लिए हानिकारक साबित होता है। इस कारण मछलियों की संख्या घटती है और स्थानीय मत्स्य जीवन चक्र प्रभावित होता है। यह आदेश राजस्थान राज्य के सभी जिलों में लागू रहेगा। इस दौरान यदि कोई व्यक्ति आदेश की अवहेलना करता हुआ पाया जाता है, तो प्रासंगिक कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय मछुआ समुदायों को अपील
सरकार ने राज्य के सभी मछुआ समुदायों, व्यापारियों और मछली विक्रेताओं से अपील की है कि वे इस अवधि में सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करें और स्वच्छ जलाशयों की जैविक स्थिरता बनाए रखने में सहयोग करें।
राजस्थान में स्वच्छ जलाशयों की मछलियों के विक्रय पर प्रतिबंध, 16 जून से 31 अगस्त तक लागू

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