
24 News Update उदयपुर। जिले में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इस वर्ष बेहद संगठित और प्रभावशाली रणनीति तैयार की है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. शंकर एच. बामनिया के निर्देशन में यह कार्ययोजना विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर तय दिशा-निर्देशों के अनुरूप साकार रूप ले रही है। डॉ. बामनिया ने बताया कि वर्ष 2024 में जिन क्षेत्रों में मलेरिया और डेंगू के सर्वाधिक मामले दर्ज हुए थे, उन्हें इस बार प्रारंभ से ही चिन्हित कर लिया गया है। नगर निगम एवं अन्य विभागों के समन्वय से इन क्षेत्रों में सोर्स रिडक्शन (मच्छर उत्पत्ति के स्रोतों की समाप्ति), फॉगिंग और घर-घर सर्वे की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। उन्होंने बताया कि संबंधित विभागों से समन्वय बनाकर फॉगिंग शीघ्र शुरू की जाएगी और हर घर में एंटी लार्वा व एंटी एडल्ट गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी। साथ ही इनकी रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
हर रविवार होगा जन-जागरूकता अभियान
‘हर रविवार मच्छरों पर वार’ अभियान के तहत आमजन को जागरूक किया जा रहा है कि वे प्रत्येक रविवार अपने घरों में पानी से भरे पात्र—कूलर, टब, गमले, ट्रे, छत पर पड़े कबाड़ और फ्रिज की ट्रे—को खाली कर सुखाएं। इस प्रयास से मच्छरों के प्रजनन को रोकने में बड़ी सफलता की उम्मीद है।
मलेरिया क्रैश कार्यक्रम: 1.97 लाख घरों का सर्वे
जिले में मलेरिया क्रैश कार्यक्रम का प्रथम चरण 1 अप्रैल से 14 मई तक चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत अब तक 1,97,410 घरों का सर्वेक्षण किया जा चुका है। सर्वे में बुखार से पीड़ित व्यक्तियों की पहचान, रक्त जांच, सोर्स रिडक्शन, एंटी-लार्वल गतिविधियाँ और जन-जागरूकता पर बल दिया गया है।
आगामी चरणों की कार्ययोजना
15 मई से 31 जुलाई 2025 तक जिले के संवेदनशील क्षेत्रों में अल्फा साईफरमेथ्रिन के छिड़काव का पहला चरण। जून 2025 को मलेरिया रोधी माह के रूप में मनाते हुए समस्त गतिविधियों का संचालन। 16 मई को विश्व डेंगू दिवस मनाया जाएगा। जुलाई 2025 को डेंगू रोधी माह के रूप में मनाया जाएगा। 1 अगस्त से 15 अक्टूबर 2025 तक अल्फा साइपरमेथ्रिन का दूसरा चरण चलेगा। नगर निगम, उदयपुर द्वारा मानसून पूर्व एवं पश्चात दो चरणों में पूरे निगम क्षेत्र में फॉगिंग करवाई जाएगी। कोटड़ा क्षेत्र जैसे मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाया गया है। मलेरिया क्रैश कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिदिन 50 घरों का सर्वे कर रिपोर्ट ऑनलाइन की जा रही है। इसी प्रकार डेंगू, चिकनगुनिया और स्क्रब टाइफस के लिए भी पूर्व तैयारी करते हुए विभाग अन्य संबंधित विभागों से समन्वय कर रहा है।
प्रशिक्षण, तकनीकी संसाधन और एनसीडी पर फोकस
एएनएम को टेमीफोस (एंटी लार्वा केमिकल) के छिड़काव की प्रशिक्षण प्रदान की गई है।
सभी संस्थानों को विशेष कार्य योजना बनाकर उस पर अमल करने के निर्देश दिए गए हैं।
सर्वे कार्य करते समय जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर जाने की सलाह दी गई है ताकि लोगों में जागरूकता और सहयोग की भावना पैदा की जा सके। गर्मी में चलने वाली हीट वेव से प्रभावित रोगियों के लिए संस्थानों पर रेपिड रिस्पॉन्स टीम गठित की गई है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिपोर्टिंग और रोग पहचान
एस, पी और एल फार्म की ऑनलाइन एंट्री आईएचआईपी पोर्टल पर समय पर किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही, सभी संस्थानों में एनसीडी क्लिनिक पर 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की बीपी (रक्तचाप) और शुगर की जांच कर रिपोर्ट एनसीडी पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं।
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