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राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए राज्य की कार्यपालिका को विधायिका के प्रति अधिक जवाबदेह बनाया गया है। विधानसभा में 10,000 से अधिक लंबित प्रश्नों में से 95 प्रतिशत के उत्तर प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें लगभग 4,500 प्रश्न 15वीं विधानसभा से लंबित थे। यह शासन की पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
श्री देवनानी बुधवार को उदयपुर सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उनके साथ उदयपुर ग्रामीण विधायक श्री फूलसिंह मीणा एवं समाजसेवी गजपाल सिंह राठौड़ भी उपस्थित रहे।
विधानसभा में नवाचार और डिजिटल पहलें
श्री देवनानी ने बताया कि राजस्थान विधानसभा में पहली बार पेपरलेस प्रक्रिया अपनाई गई है। सभी विधायकों को आईपैड उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे न केवल कार्यवाही डिजिटल हुई है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिल रहा है। उन्होंने इसे “गुड गवर्नेंस की दिशा में बड़ा कदम” बताया।
इसके अलावा, महाराणा प्रताप के शौर्य, आदिवासी संस्कृति एवं संवैधानिक मूल्यों से जुड़ी कलाकृतियों को विधानसभा की दर्शक दीर्घा में स्थान दिया गया है, जिससे नई पीढ़ी को सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर से जोड़ने का प्रयास किया गया है।
लोकतंत्र और संविधान पूर्णतः सुरक्षित
श्री देवनानी ने स्पष्ट कहा कि भारत में लोकतंत्र की जड़ें इतनी गहरी हैं कि उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता। उन्होंने कहा:
“संविधान में स्पष्ट है कि यदि केंद्र सरकार किसी विधेयक को बहुमत से पारित करती है, तो वह सभी राज्यों के लिए बाध्यकारी होता है। यह संघीय ढांचे का आधार है।”
उन्होंने वक्फ कानून को लेकर चल रही बहस पर कहा कि संसद के दोनों सदनों से पारित कानून पर सवाल उठाना संविधान की मूल भावना पर सवाल उठाने के समान है।
“देश की एजेंसियों की स्वायत्तता पर संदेह करना लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी वक्फ बिल पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। सभी दलों को संवैधानिक संस्थाओं और सर्वोच्च न्यायालय पर विश्वास रखना चाहिए।”
वैश्विक मंच पर भारत की मजबूती
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज भारत वैश्विक परिदृश्य में एक सशक्त राष्ट्र के रूप में उभरा है।
“प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आर्थिक, सामरिक और सांस्कृतिक रूप से लगातार ऊंचाइयों को छू रहा है। हर नागरिक को ‘नेशन फर्स्ट’ की भावना के साथ कार्य करना चाहिए।”

