24 News Update उदयपुर। ऑल राजस्थान इन सर्विस डॉक्टर्स एसोसिएशन (ARISDA) की मेडिकल कॉलेज शाखा ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) द्वारा जारी नए नियमों के समर्थन में मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव को ज्ञापन भेजा है।
प्रदेश महासचिव डॉ. शंकर बामनिया ने बताया कि उदयपुर में डॉ. एल. एल. सेन के नेतृत्व में पचास से अधिक चिकित्सकों की बैठक हुई। इसमें एनएमसी के नियमों को समर्थन देने का निर्णय लिया गया। चिकित्सकों ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में लेटरल एंट्री के तहत ग्रुप-2 के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को एनएमसी ने योग्य माना है, जो स्वागत योग्य कदम है।
ज्ञापन में अरिसदा ने सरकार और एनएमसी को समर्थन देते हुए मुख्य बिंदु रखे— राज्य सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सक शिक्षकों की कमी दूर करने के प्रयासों की सराहना की गई। एनएमसी के नए नियमों से अधिक योग्य व अनुभवी ग्रुप-2 चिकित्सकों का अनुभव सीधे छात्रों और मरीजों को लाभान्वित करेगा। राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (RMCTA) के आंदोलन को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि यह छात्रों व जनता के हितों के विपरीत है और एनएमसी निर्देशों की अवहेलना है। ग्रुप-2 चिकित्सकों की योग्यता पर संदेह फैलाना तथ्यहीन बताया गया। उनके पास वर्षों का क्लिनिकल और प्रशासनिक अनुभव है, जो चिकित्सा शिक्षा के लिए लाभकारी होगा।
कई ग्रुप-2 चिकित्सक पहले से ही मेडिकल कॉलेजों में यूटीबी चिकित्सक शिक्षक के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। उन्हें स्थायी रूप से ग्रुप-1 में समायोजित किया जाए तो शिक्षक संकट का स्थायी समाधान होगा, और सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार भी नहीं पड़ेगा। राज्य में वर्तमान तीन अलग-अलग कैडर (ग्रुप-1, ग्रुप-2 और राजमेस) को एकीकृत कर एक प्रशासनिक कैडर बनाने की मांग भी की गई। अरिसदा ने अंत में 30 जून 2025 को जारी NMC गजट नोटिफिकेशन के नियमों के शीघ्र क्रियान्वयन की मांग की है।
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