उदयपुर, 9 अक्टूबर। आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण जयपुर डॉ. टी. शुभमंगला के निर्देश पर जिला कलक्टर नमित मेहता और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शंकर एच. बामणिया के नेतृत्व में शुद्ध आहार मिलावट पर वार दीपावली विशेष अभियान के तहत आज उमरडा स्थित मैसर्स ओम विनायक भोजनालय का निरीक्षण एवं नमूनीकरण किया गया।
निरीक्षण के दौरान भारी अनियमितताएं पाई गईं। गुजरात में निर्मित इंडियन स्वीट्स, जिसमें स्किम्ड मिल्क, स्किम्ड मिल्क पाउडर, शक्कर, रिफाइंड पामोलिन तेल और वेजिटेबल फैट शामिल था, मावा पेड़ा के रूप में आम जनता को बेचा जा रहा था। जांच हेतु मावा पेड़ा, पाश्चुराइज्ड टोंड दूध और सोनपापड़ी के नमूने प्रयोगशाला भेजे गए। शेष 20 किलो मावा पेड़ा, 2 किलो दूषित मावा बर्फी और 5 किलो पुरानी एवं सूखी जलेबी मौके पर नष्ट कराई गई।
साथ ही पेप्सी, लिम्का, मिरिंडा, कोक, माजा, कोकाकोला, स्प्रिट और थम्स अप की 110 बोतलें भी निष्क्रिय कर दी गईं और दुकानदार को भविष्य में अवैध सामग्री न बेचने के लिए चेतावनी दी गई। निरीक्षण में कई अन्य अनियमितताएं भी सामने आईं, जैसे फ़ूड सेफ्टी डिस्प्ले बोर्ड का अभाव, पेस्ट कंट्रोल रिपोर्ट न होना और कार्यरत फ़ूड हैंडलर्स की मेडिकल रिपोर्ट का न होना।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शंकर एच. बामणिया ने बताया कि अभियान लगातार जारी रहेगा और मिलावटियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत मिसब्रांड पाए जाने पर 3 लाख रुपये तक, सब-स्टैंडर्ड पाए जाने पर 5 लाख रुपये तक जुर्माना और अनसेफ पाए जाने पर 6 माह से लेकर आजीवन कारावास तथा 1 लाख से 10 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।
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