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धन के संग्रह से दुःख मिलता पर राम नाम के संग्रह से सुख मिलता है- संत तिलकराम महाराज

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24 News Update सागवाड़ा (जयदीप जोशी)। आसपुर मार्ग पर मसानिया के सामने स्थित कान्हडदास दास धाम बड़ा रामद्वाराचातुर्मास में शाहपुरा धाम के रामस्नेही संत तिलकराम ने सत्संग में बताया कि झूठा तन ,मन ,धाम, राम नाम ही सच्चा । धन के संग्रह से दुख मिलता है पर राम नाम के संग्रह से सुख ही मिलेगा । मनुष्य स्त्री, बच्चे ,परिवार से मोह रखता है जिससे वह दुखी रहता है, मगर राम नाम से मोह रखेगा तो जीवन में सुखी ही रहेगा ।
संत के मिलने पर उदासीनता मिट जाती है एवं सुख का आनंद आता है । भक्त प्रहलाद को जब ज्ञान प्राप्त हो गया तो उन्होंने परमात्मा की भक्ति नहीं छोड़ी । काम ,क्रोध ,आलसी व्यक्ति से भक्ति नहीं हो पाती भक्ति करने वाला कोई सूरमा ही होता है । भक्ति में कोई जात-पात नहीं होती संत की जात नहीं ज्ञान पूछते हैं । इस संसार नें मनुष्य की डोर पकड़ रखी है मगर परमात्मा ने सिर्फ सांस की डोर ही पकड़ी है । माता-पिता ने हमें जन्म दिया मगर मानस- तन परमात्मा ने दिया । मनुष्य ही ऐसा जीव है जो सेवा कर सकता है जानवर ऐसा नहीं कर सकते । संत ने कहा कि मोह रूपी अंधकार व्यक्ति को लक्ष्य से भटका देता है जिससे वह पुरुषार्थहीन होकर अपने आत्मकल्याण की दिशा से विमुख हो जाता है । मोह के कारण व्यक्ति भला- बुरा नहीं समझ पाता और जीवन में बार-बार परेशानियों से घिरता है । धन की अधिकता से भी इंद्रियों पर नियंत्रण नहीं रह पाता, जिससे व्यक्ति को दुखों का सामना करना पड़ता है । मोक्ष की मंजिल तक वही व्यक्ति पहुंचता है जो आत्मबल से परिपूर्ण और संकल्पों में अडिग होता है । संत ने कहा कि मोक्ष प्राप्ति के लिए हमारे शास्त्र से ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं । हमारे शास्त्र के उपाख्यान न केवल आंखें खोलते हैं अपितु जन्म जन्मान्तर से बंद अज्ञान के द्वार को भी मुक्त करते हैं । हृदय एक कल्पनातीत विचारों की प्रवाह में प्रवाहित होने लगता है, लेकिन सत्संग की दिव्य विचारों को पाकर आनंदित हो जाता है । प्रत्येक माता-पिता को अपनी संतानों को संस्कार देने चाहिए आज के व्यक्ति को कमाने से फुर्सत नहीं तो भक्ति, भक्त और भगवान के बारे में चिंतन करना तो बहुत दूर की बात है । प्रवक्ता बलदेव सोमपुरा ने बताया कि महंत जगवल्लभजी महाराज का 18 वॉ निर्वाण दिवस मनाया गया महाराज की तस्वीर संत तिलकराम, अध्यक्ष सुधीर वाडेल, विजय पंचाल, देवीलाल सोनी, बलदेव सोमपुरा, भारत शर्मा, रमेश सोनी, विष्णु भासरिया, सुरेंद्र शर्मा, नाथू परमार, विष्णु भावसार ,बंसीलाल दर्जी व महिलाओं द्वारा का पूजन किया गया । संत प्रसाद विष्णु भावसार परिवार का रहा सत्संग में संगीता सोनी, राजेश्वरी शर्मा, ज्योशना शर्मा ,विमला ठाकुर ,नानी डामोर ,मणी रोत, मीटी परमार ,पुष्पा सेवक, भानु सेवक ,कौशल्या सेवक सहित रामस्नेही उपस्थित रहे।

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