24 News Update उदयपुर। मेवाड़ की धार्मिक आस्था, संस्कृति और परंपरा का केंद्रबिंदु माने जाने वाले प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर, उदयपुर में इस वर्ष पाँच दिवसीय दीपोत्सव का आयोजन 18 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक बड़े हर्ष और उत्साह के साथ किया जाएगा।
इस दौरान मंदिर परिसर भक्ति, श्रद्धा और मेवाड़ की सांस्कृतिक धरोहर से सराबोर रहेगा।
✨ वृहद तैयारियाँ और श्रद्धालुओं की सुविधा पर विशेष ध्यान
श्रीमाली जाति संपत्ति व्यवस्था ट्रस्ट की ओर से आयोजित इस दीपोत्सव में हर वर्ष की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए स्वच्छता, सुरक्षा, प्रकाश व्यवस्था, दर्शन और अन्नकूट प्रसाद वितरण हेतु अलग-अलग समितियाँ गठित की गई हैं।
ट्रस्ट के पदाधिकारियों के अनुसार यह आयोजन केवल धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि मेवाड़ की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है।
🪔 पाँच दिवसीय दीपोत्सव का कार्यक्रम क्रमवार
🔸 18 अक्टूबर (धनतेरस)
दीपोत्सव की शुरुआत प्रातः 4:30 बजे माता महालक्ष्मी के मंगला दर्शन से होगी।
इस दिन माता के तीन अलग-अलग वेशभूषा में श्रृंगार और विशेष पुष्प सज्जा की जाएगी।
दर्शन देर रात तक खुले रहेंगे, और श्रद्धालुओं का तांता लगा रहेगा।
🔸 19 अक्टूबर (रूप चौदस)
इस दिन भी माता का विशेष श्रृंगार किया जाएगा और पूरे दिन दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ेगी।
भक्तगण विशेष आरती और भजन संध्या में शामिल होंगे।
🔸 21 अक्टूबर (दीपावली)
दीपोत्सव का मुख्य आकर्षण रहेगा। इस दिन माता महालक्ष्मी को सोने के आभूषणों और दिव्य श्रृंगार से अलंकृत किया जाएगा।
पूरा मंदिर परिसर दीपों, पुष्पों और रोशनी की ज्योति से जगमगाएगा।
रात्रि 1:30 से 3:00 बजे तक मंदिर के पट बंद रहेंगे, जिसके बाद पुनः दर्शन प्रारंभ होंगे।
भोर 3:00 बजे से अन्नकूट पर्व के दर्शन आरंभ होंगे।
🔸 22 अक्टूबर (गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट महोत्सव)
सुबह 3:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक दर्शन रहेंगे।
सायं 5:00 बजे अन्नकूट आरती के साथ दीपोत्सव का भव्य समापन होगा।
हजारों भक्त प्रसाद ग्रहण करेंगे और मंदिर प्रांगण भक्ति संगीत, आरती और दीपों की रोशनी से आलोकित रहेगा।
🌼 ‘गजलक्ष्मी स्वरूप’ की दिव्यता और ऐतिहासिक महत्त्व
उदयपुर का महालक्ष्मी मंदिर ‘गजलक्ष्मी स्वरूप’ का प्रतीक है, जिसमें माता गजानन (हाथी) पर विराजमान हैं — जो समृद्धि, शक्ति और स्थायित्व का प्रतीक माना जाता है।
मंदिर की प्राचीनता और ऐतिहासिक महत्त्व के कारण हर वर्ष यहाँ लाखों श्रद्धालु दर्शन हेतु आते हैं।
इस वर्ष भी पूरा परिसर दीपों, पुष्पों, तोरण द्वारों और भक्ति संगीत से जगमगाने वाला है।
श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए विशेष रोशनी, प्रवेश द्वार सजावट और व्यवस्थाएँ की जा रही हैं।
📍 स्थान: महालक्ष्मी मंदिर, उदयपुर (राजस्थान)
🗓️ तारीख: 18–22 अक्टूबर 2025

