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टेलीग्राम व व्हाट्सएप से चलता था फर्जी खातों का गिरोह, पुलिस ने दबोचे मास्टरमाइंड, देशभर में 719 मामलों में ₹129.72 करोड़ की ठगी का भंडाफोड़

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24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। उदयपुर पुलिस ने साइबर अपराधों के विरुद्ध अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए भारत के विभिन्न राज्यों में ऑनलाइन ठगी करने वाले तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी अब तक 719 मामलों में कुल ₹129.72 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने इनके कब्जे से 10 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 7 सिम कार्ड, 10 एटीएम कार्ड, बैंक बुक्स, डायरियां तथा एक कार (RJ 45 CV 5418) जब्त की है, जो अपराध में प्रयुक्त हुई थी। जयपुर (विद्याधर नगर) में 4.17 लाख, जयपुर (मानसरोवर) में 11.17 लाख और बीकानेर (नोखा) में क्रमशः 10.50 लाख, 40.50 लाख और 12.10 लाख की ठगी के मामले इनसे जुड़े हैं। पुलिस की जिला स्पेशल टीम (डीएसटी) को सूचना मिली कि हिरणमगरी स्थित एक सबमिट सेंटर के पास तीन युवक संदिग्ध रूप से कार में बैठकर बैंक खातों के जरिए अवैध लेनदेन कर रहे हैं। त्वरित कार्रवाई करते हुए डीएसटी प्रभारी श्याम सिंह रत्नु, थाना प्रभारी भरत योगी और उनकी टीम ने इन युवकों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों में हर्षवर्धन झा (22 वर्ष) निवासी पानेरियों की मादड़ी, हाल सेक्टर-14, गोवर्धन विलास, जयेश कुमार खटीक (27 वर्ष) निवासी लूणदा, थाना कानोड़, हाल आरएचबी कॉलोनी, गोवर्धन विलास, तथा तुफान सिंह (30 वर्ष) निवासी रायपुरिया कला, थाना आकोला, जिला चित्तौड़गढ़ शामिल हैं।

आरोपी एक टेलीग्राम ग्रुप “088 JEEP 2000usdt+3546 80 RS खातो” के जरिए देशभर से लोगों के बैंक खातों की जानकारी जुटाते थे। ड्रैगन SMS और गो SMS जैसे एप्लिकेशन से OTP लेकर केवाईसी पूरी करते और खातों से लिंक मोबाइल नंबर, चेक बुक, बैंक डायरी इत्यादि व्हाट्सएप ग्रुप “PRT OTP Banking” पर भेजते थे। इसके बाद ये दस्तावेज और सिम संबंधित पतों पर भेजकर उन खातों का गलत उपयोग करते थे, जिनमें ऑनलाइन ठगी की राशि जमा होती थी। जांच में सामने आया कि ये आरोपी जिन दलालों से फर्जी खाते, दस्तावेज आदि प्राप्त करते थे, उनमें भाणु बस्सी (चित्तौड़), सचिन (भूपालसागर), राजेश जाट (फतेहनगर), किशन गुर्जर (फतेहनगर), राज वैष्णव (फतेहनगर, हाल सूरत), सुरेश वैष्णव (बुधपुरा, मंगलवाड़), दिनेश मेनारिया (आकोला), टोनी (गोवा), नवीन शेट्टी (मुंबई), विक्रम शेखावत (जयपुर), चंद्रपाल सिंह शेखावत (सीकर) और अकरम (गुड़गांव) शामिल हैं। आरोपियों के विरुद्ध थाना हिरणमगरी में प्रकरण संख्या 104/2025, धारा 420, 120बी, 66(D) आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया है, जिसकी जिम्मेदारी पु.नि. भरत योगी निभा रहे हैं।

इस कार्रवाई में जिला स्पेशल टीम के अधिकारी व जवानों की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिनमें पु.नि. श्याम सिंह रत्नु, स.उ.नि. विक्रम सिंह, हैड कांस्टेबल जगदीश (537), योगेश कुमार (731), गणेश सिंह (18), करतार सिंह (1135), हितेन्द्र सिंह (1691), भंवर लाल (1883), कमलेश जाखड़ (222), जितेन्द्र दीक्षित (1917), सुमेर (1097), शक्ति सिंह (2534), सुमित (1445), मुकेश (1525), चन्द्र कुमार (2581) और कृष्ण कुमार (2587) शामिल हैं। हिरणमगरी थाना पुलिस की टीम में थानाधिकारी भरत योगी, स.उ.नि. वसना राम, कांस्टेबल आनन्द सिंह (1729), राजकुमार (1664), करनाराम (3164, साइबर थाना) और लोकेश रायकवाल (2252, साइबर सैल उदयपुर) ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। यह कार्रवाई साइबर अपराधों पर नकेल कसने की दिशा में राजस्थान पुलिस का एक सराहनीय प्रयास है। आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे अज्ञात लिंक, संदिग्ध कॉल्स या लालच देने वाले संदेशों से सावधान रहें और किसी भी बैंकिंग जानकारी को साझा न करें।

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