24 News Update सागवाड़ा (जयदीप जोशी)। नगर के निकटवर्ती ग्राम पंचायत फलाटेड सहित अन्य कई पंचायतों में ‘अंधेर नगरी चौपट राजा, अंधा पीछे कुत्ते खाए’ कहावत सार्थक हो रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए उच्च अधिकारी कितना भी जोर लगाए, लेकिन ठेकेदार और निचले स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण कार्य में गुणवत्ता और समय पर कार्य पूर्ण नहीं होता है।
ऐसा ही एक मामला सागवाड़ा पंचायत समिति अंतर्गत ग्राम पंचायत फलाटेड में फलाटेड मेन डामर सड़क से नीलकंठ महादेव मंदिर तक सीसी सड़क मय नाली निर्माण में देखने को मिल रहा है।
यहां पर सड़क का निर्माण पूर्व से आज तक पूरा नहीं हुआ है। ठेकेदार सड़क को आधा-अधूरा छोड़कर चला गया। वहीं सड़क की गुणवत्ता की पोल एक साल में खुल गई है। दरअसल सड़क पर जगह-जगह सीसी सड़क में दरारें आ गई हैं। इसके कारण सड़क पर धूल के गुबार उठने लगे हैं।
सड़क का निर्माण करने वाली एजेंसी के भाजपा के कद्दावर नेताओं से अच्छे संबंध होने के कारण आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ठेकेदार ने सड़क का निर्माण भी पूरा नहीं किया है। आधी-अधूरी सड़क पिछले छह माह से पड़ी हुई है।
सड़क को बनाने का मुख्य उद्देश्य मंदिर तक संपर्क मार्ग अच्छा करना है, जिससे व्रत, त्योहार और धार्मिक आयोजनों के लिए लोगों को मंदिर जाने में कोई परेशानी न हो।
सड़क के दोनों ओर नालियों के निर्माण की भी परमिशन जारी हुई थी, लेकिन ठेकेदार ने सीसी सड़क ही अधूरी छोड़कर अपनी राजनीतिक सांठगांठ का लाभ उठाया है।
पंचायत समिति के अधिकारियों ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है। जिला परिषद डूंगरपुर से फलाटेड से नीलकंठ महादेव मंदिर तक सीसी सड़क और नालियों के निर्माण के लिए 10 लाख से अधिक राशि स्वीकृत हुई थी, इसके बावजूद जिला परिषद और सागवाड़ा पंचायत समिति के अधिकारियों ने अभी तक विजिट नहीं की है।
अधूरी सड़क के लिए ठेकेदार को नोटिस भेजने, पेनल्टी लगाने और ब्लैकलिस्टेड करने जैसी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
इस अधूरी और खराब गुणवत्ता वाली सड़क से आमजन को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
दस लाख की लागत से निर्मित सीसी सड़क एक साल में हुई जर्जर, आमजन परेशान – अन्य पंचायत के मामले भी आ रहे सामने

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