उदयपुर, 20 दिसंबर। कांग्रेस ने मनरेगा को कमजोर करने और नेशनल हेराल्ड प्रकरण में जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर सीधा और तीखा हमला बोला है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय प्रवक्ता ऋतु चौधरी ने उदयपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि मोदी सरकार ने सत्ता के अहंकार में लोकतांत्रिक संस्थाओं को राजनीतिक हथियार बना लिया है और दो दशकों से करोड़ों ग्रामीण परिवारों की जीवनरेखा रही मनरेगा को सुनियोजित तरीके से खत्म करने की साजिश रची जा रही है।
ऋतु चौधरी ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी और सीबीआई जैसी संस्थाओं का इस्तेमाल राजनीतिक बदले की भावना से किया गया। अदालतों में बार-बार यह तथ्य सामने आया है कि न तो इस मामले में कोई प्राथमिक अपराध स्पष्ट है, न ही मनी लॉन्ड्रिंग के ठोस सबूत। इसके बावजूद वर्षों तक एफआईआर दर्ज किए बिना और कानूनी आधार के अभाव में जांच एजेंसियों को आगे बढ़ाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को जानबूझकर निशाना बनाना विपक्ष को डराने की रणनीति का हिस्सा है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी से लगातार पांच दिन में 50 घंटे की पूछताछ किसी जांच प्रक्रिया का हिस्सा नहीं, बल्कि एक राजनीतिक साजिश थी। उन्होंने दावा किया कि देश की जनता अब समझ चुकी है कि नेशनल हेराल्ड प्रकरण में लगाए गए आरोप झूठ, प्रोपेगेंडा और विपक्ष को परेशान करने की नाकाम कोशिश से ज्यादा कुछ नहीं हैं। न्यायालयों की टिप्पणियां भी इस बात को उजागर करती हैं कि किस तरह संवैधानिक संस्थाओं का इस्तेमाल राजनीतिक हिसाब चुकता करने के लिए किया जा रहा है।
मनरेगा के मुद्दे पर ऋतु चौधरी ने कहा कि वर्ष 2014 से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मनरेगा के विरोधी रहे हैं, जिसे उन्होंने संसद में कांग्रेस की नाकामी की निशानी तक बताया था। बीते 11 वर्षों में मनरेगा को कमजोर करने की एक सुनियोजित रणनीति अपनाई गई— बजट में कटौती, राज्यों के वैधानिक फंड रोकना, जॉब कार्ड हटाना, आधार आधारित भुगतान को बाध्यकारी बनाकर लगभग 7 करोड़ मजदूरों को योजना से बाहर करने जैसे फैसले इसी का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा कि इन जानबूझकर बनाए गए दबावों के कारण पिछले पांच वर्षों में मनरेगा के तहत मजदूरों को साल में औसतन केवल 50 से 55 दिन का ही रोजगार मिल पा रहा है, जबकि कानून 100 दिन की गारंटी देता है। कोविड-19 के बाद जब ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए मनरेगा जीवनरेखा साबित हुई थी, उसी योजना को अब धीरे-धीरे निष्प्रभावी किया जा रहा है।
ऋतु चौधरी ने इसे महात्मा गांधी के विचारों का अपमान बताते हुए कहा कि रिकॉर्ड बेरोजगारी से युवाओं को पहले ही संकट में डाल चुकी मोदी सरकार अब गरीब ग्रामीण परिवारों की अंतिम आर्थिक सुरक्षा पर हमला कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि कांग्रेस इस जनविरोधी, मजदूर विरोधी और संघीय ढांचे के खिलाफ कदमों का सड़क से लेकर संसद तक हर स्तर पर विरोध करेगी।
प्रेस वार्ता में प्रदेश कांग्रेस महासचिव एवं प्रवक्ता पंकज कुमार शर्मा, उदयपुर शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष फतह सिंह राठौड़, संगठन महासचिव अरुण टांक, उदयपुर देहात जिला कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. संजीव राजपुरोहित, शहर जिला प्रवक्ता पंकज पालीवाल, डॉ. कौशल नागदा, दिनेश दवे और दिनेश औदिच्य सहित कांग्रेस के कई नेता उपस्थित रहे।
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