24 न्यूज अपडेट जयपुर। आखिरकार, लंबे इंतजार के बाद, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में नर्सिंग संवर्ग के 5,500 से अधिक कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने लगभग दो साल पहले लगाई गई रोक को हटा दिया है, जिससे कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। जस्टिस अनूप ढंड ने सरकार की स्टे वेकेशन एप्लीकेशन पर सुनवाई करते हुए यह रोक हटाई। हाईकोर्ट ने अपने दो अलग-अलग आदेशों, 20 अप्रैल 2023 और 27 फरवरी 2024 के तहत नर्सिंग संवर्ग की रिव्यू डीपीसी और डीपीसी पर रोक लगा दी थी। इस वजह से नर्सिंग कर्मचारियों की पिछले 7 साल की सीनियरिटी और 5 साल के प्रमोशन अटक गए थे।
कोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट ने रोक हटाते हुए सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह याचिकाकर्ताओं के रिप्रेजेंटेशन को तीन हफ्ते में तय करें। इसके साथ ही अन्य कर्मचारियों की सीनियरिटी और प्रमोशन तय करने पर किसी तरह की रोक नहीं रहेगी। सरकारी अधिवक्ता अर्चित बोहरा ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 2023 में 2013-14 से 2019-20 तक के कार्मिकों की रिव्यू डीपीसी और 2020-21 से 2022-23 के कार्मिकों की नियमित डीपीसी की बैठक की थी। लेकिन, लगभग 20 कर्मचारी यह कहते हुए कोर्ट चले गए कि डीपीसी में आरक्षण संबंधी नियमों का पालन नहीं किया गया। उनकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 20 अप्रैल 2023 को प्रमोशन पर रोक लगा दी। वहीं, रिव्यू डीपीसी में जिन 71 कार्मिकों की सीनियरिटी क्रमांक में बदलाव हुआ, वे भी कोर्ट पहुंच गए। इस पर कोर्ट ने 27 फरवरी 2024 को सीनियरिटी प्रोसेस को भी रोक दिया।
किसे मिलेगा लाभ?
कोर्ट की रोक के बाद लगभग 5,168 सीनियर नर्सिंग ऑफिसर सीनियरिटी प्रोसेस पर रोक की वजह से अपने अगले प्रमोशन, जो कि नर्सिंग अधीक्षक के पद पर होना है, का इंतजार कर रहे थे। इसके अलावा 784 नर्सिंग ऑफिसर सीनियर नर्सिंग ऑफिसर के पद पर पदोन्नति का इंतजार कर रहे थे। अब कोर्ट स्टे हटने के बाद इन कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता खुल गया है। 2022-23 तक के प्रमोशन होने के बाद विभाग इसके आगे के सालों के प्रमोशन भी कर सकेगा। इससे न केवल कर्मचारियों को लाभ होगा, बल्कि विभाग में भी कार्यक्षमता और मनोबल में वृद्धि होगी।
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