24 News Update उदयपुर। बॉलीवुड के प्रसिद्ध डायरेक्टर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट पर उदयपुर के नामी चिकित्सक से 30 करोड़ की ठगी के मामले में पुलिस का शिकंजा और कस गया है। फिल्म निर्माण के नाम पर करोड़ों की धनराशि हड़पने के आरोप में फरार चल रहे भट्ट दंपती सहित 6 आरोपियों को उदयपुर पुलिस ने मुंबई स्थित आवासों पर नोटिस भेजकर 8 दिसंबर तक उपस्थित होने के आदेश दिए हैं। समय पर पेशी नहीं होने पर गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी।
जांच अधिकारी डिप्टी छगन पुरोहित के अनुसार, मैथड एक्टिंग और बड़े बजट की फिल्मों का हवाला देकर उदयपुर के इंदिरा IVF संस्थापक डॉ. अजय मुर्डिया से भारी-भरकम रकम वसूली गई थी। आरोपियों ने डॉक्टर को चार फिल्मों के निर्माण में निवेश कर 200 करोड़ की कमाई का लालच दिया था। परंतु, रकम ऑनलाइन हस्तांतरित होने के बावजूद फिल्मों की शूटिंग तक शुरू नहीं हुई।
44 करोड़ लिए, 30 करोड़ का फर्जीवाड़ा दर्ज—शूटिंग एक फ्रेम भी नहीं
FIR में दर्ज है कि डॉक्टर से चार फिल्मों के नाम पर कुल 44.29 करोड़ रुपए उठाए गए, जिसमें से सिर्फ ‘महाराणा (परिवर्तित नाम रण)’ फिल्म के निर्माण के लिए ही 25 करोड़ का करार था। लेकिन इसकी शूटिंग तक शुरू नहीं हुई। मामले के खुलासे के बाद डॉक्टर ने लगभग 30 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। उधर, गिरफ्तारी की आशंका से घिरे विक्रम भट्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांजिट बेल के लिए अर्जी लगाई है।
दो आरोपी रिमांड पर, डील करवाने वाला उदयपुर निवासी फरार
पुलिस ने 17 नवंबर को मुंबई से विक्रम भट्ट के को-प्रोड्यूसर महबूब अंसारी और वेंडर संदीप विश्वनाथ त्रिभुवन को गिरफ्तार कर लिया था। ये दोनों 1 दिसंबर तक रिमांड पर हैं। इस बड़े फर्जीवाड़े में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला उदयपुर निवासी दिनेश कटारिया अब भी फरार है। वही डॉक्टर और भट्ट के बीच डील कराने वाला मुख्य संपर्क सूत्र था। पुलिस को सूचना है कि कटारिया मुंबई में छिपा है।
बेटी कृष्णा भट्ट समेत कई नामचीन चेहरे आरोपी सूची में
मामले में विक्रम भट्ट, उनकी पत्नी श्वेतांबरी के साथ-साथ—
कृष्णा भट्ट (विक्रम की बेटी)
मुदित बुटट्टान (दिल्ली)
गंगेश्वरलाल श्रीवास्तव, चेयरमैन—फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्पलाइज
अशोक दुबे, जनरल सेक्रेटरी—FWICE
भी जांच के दायरे में हैं। पुलिस इन सभी की गतिविधियों पर नजर रख रही है और भूमिकाओं की पुष्टि के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
फर्जी वेंडरों के खाते में जाता था पैसा
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार को-प्रोड्यूसर महबूब अंसारी ने खुलासा किया कि करोड़ों की राशि फर्जी वेंडरों के खातों में भेजी जाती थी, जिनका नियंत्रण और संचालन भट्ट के करीबी लोग संभालते थे। इन खातों से राशि बाद में अन्य निजी खातों, जिनमें श्वेतांबरी भट्ट का नाम भी शामिल है, में स्थानांतरित की जाती रही।
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