Site icon 24 News Update

16 करोड़ का इंजेक्शन देकर बच्चे की जान बचाई गई

Advertisements

24 न्यूज अपडेट. गुजरात। गुजरात के हिम्मतनगर में एक 20 महीने के बच्चे को एक दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी टाइप-1 थी। इस बीमारी के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपए के एक महंगे इंजेक्शन की जरूरत थी, जिसे अमेरिका से मंगवाया गया। 16 करोड़ जुटाने के लिए परिवार ने इलाज के लिए मदद की गुहार लगाई। इंपैक्ट गुरू फाउंडेशन ने चंदा जुटाने का अभियान शुरू किया। गुजरात के लोगों ने दिल खोलकर मदद की, कई लोगों ने 50 से 100 रुपए तक का योगदान दिया। सिर्फ 1 महीने में ही 16 करोड़ रुपए जमा हो गए। सरकार ने भी टैक्स और अन्य शुल्क माफ कर दिए।
एसएमए टाइप-1 बीमारी क्या है?
यह एक आनुवंशिक बीमारी है, जिसमें मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। बच्चे को बार-बार निमोनिया हो सकता है और सांस लेने में कठिनाई होती है। पीड़ित बच्चे खड़े या बैठ नहीं सकते और पूरे समय सुस्त रहते हैं। इस बीमारी का इलाज अमेरिका में उपलब्ध है, लेकिन इंजेक्शन बेहद महंगा होता है।
इंजेक्शन आया .70 डिग्री पर कैसे लाया गया?
अमेरिका से इंजेक्शन -70 डिग्री सेल्सियस पर लाया गया। यह एमिरेट्स फ्लाइट के जरिए दुबई होते हुए दिल्ली और फिर अहमदाबाद पहुंचा। अस्पताल में इसे कुछ घंटों तक -70 डिग्री पर रखा गया। फिर इसे धीरे-धीरे 2 से 5 डिग्री पर नॉर्मल किया गया। करीब डेढ़ घंटे की प्रक्रिया में बच्चे को यह दवा दी गई। डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चे की हालत में सुधार हो रहा है। अगले 3 महीने तक उसकी निगरानी की जाएगी। नियमित टेस्ट और स्टेरॉयड दवाएं दी जाएंगी ताकि कोई साइड इफेक्ट न हो।

Exit mobile version