स्टेट डेस्क। हाईकोर्ट ने जब स्वत: संज्ञान लेकर जयपुर में हुए भीषण हादसे के बारे में सरकार से पूछा कि दो दिन में अब तक किसी की जवाबदेही क्यों नहीं तय की गई है। घायलों के इलाज और मृतकों के मुआवजे की क्या व्यवस्था है तो राज्य सरकार आनन फानन में चेत गई और अब व्यवस्थाएं ठीक करने कीा प्रयास किया जा रहा है व इसकी उच्च स्तर पर मॉनिटरिंग हो रही है।
सरकारी प्रेसनोट में बताया गया किउच्च स्तर से प्राप्त निर्देशों की पालना में जिला प्रशासन द्वारा दिल्ली-अजमेर हाईवे पर शुक्रवार को घटित दुर्घटना के घायलों एवं मृतकों के परिजनों के रात्रि विश्राम एवं भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था की जा रही है।घायलों एवं मृतकों के परिजनों के रुकने, शयन करने एवं भोजन की गुणवत्ता पूर्ण व्यवस्था हेतु अतिरिक्त उपायुक्त, जयपुर नगर निगम श्रीमती सीमा कुमार एवं जिला रसद अधिकारी त्रिलोकचंद मीणा को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उक्त अधिकारियों द्वारा दुर्घटना के घायलों एवं मृतक आश्रितों के लिए रात्रि विश्राम एवं भोजन गुणवत्तापूर्ण इंतजाम सुनिश्चित किये जा रहे हैं।
हाईकोर्ट की डांट के बाद अब खुली सरकारी आंखें, घायलों एवं मृतक परिजनों के ठहरने एवं भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था की

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