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हर स्कूल में बैग चेक करने के आदेश, कोताही पर होगी कार्रवाई, माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने कहा-सूचना पट्ट पर चस्पा करेंगे, प्रार्थना सभा में बताएंगे कि नुकीली वस्तु नहीं लेकर आनी है, बच्चों की साइकॉलोजी ध्यान में रख कर एक्शन लेंगे

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24 न्यूज अपडेट उदयपुर। उदयपुर में स्कूली बच्चों में चाकूबाजी की घटना से सबक लेते हुए पूरे राज्य में शिक्षा विभाग की ओर से सर्कुलर जारी किया गया है जिसमें पैनी और नुकीली वस्तुओं को लाने वाले बच्चों पर पैनी नजर रखने की बात कही गई है। अब मास्टरजी को समय समय पर बच्चों के बैग चेक करने होंगे। हालांकि यह व्यवस्था अभी कई निजी स्कूलों में पहले से लागू है जिसमें प्रार्थना के समय या इंटरवेल में या फिर आकस्मिक रूप से बच्चों के बैग की जांच की जाती है जिसका मुख्य रूप से मकसद मोबाइल, कैश या फिर मादक पदार्थों का पता लगाना होता है। आज माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी एक आदेश जारी किया व प्रदेश भर के राजकीय व निजी विद्यालयों को निर्देश दिए कि विद्यालयों में धारदार, नुकीली वस्तुएं लाना निषेध रहेगा। शिक्षक बच्चों के बैग-डेस्क सहित अन्य व्यक्तिगत वस्तुओं की करेंगे जांच। इसमें बताया गया है कि समस्त संस्था प्रधान राजकीय एवं गैर राजकीय विद्यालयों में धारदार, नुकीला हथियार या ऐसी वस्तु जो भय एवं हिंसा का कारक बन सकती है, को विद्यालयों में लाने पर मनाही के संबंध में कहा गया है कि भारत की संस्कृति ’अहिंसा परमो धर्म’ के मूल्य का महत्व समझाकर अहिंसा को व्यक्तित्व का अभिन्न अंग बनाने पर बल देती है। राज्य सरकार, इन्हीं मूल्यों के अनुरूप, विद्यालय को सुरक्षित एवं स्वस्थ वातावरण के साथ-साथ संस्कारवान बनाने के लिए भयमुक्त परिवेश प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। जहां विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो सके। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए विद्यालय में विद्यालय प्रशासन एवं शिक्षकों को विद्यार्थियों को निरन्तर प्रेरित करने के साथ, उनके आचरण पर सुक्ष्म ध्यान भी रखना चाहिए, जिससे विद्यार्थी अपने लक्ष्य के अनुरूप प्रगति पथ पर अग्रसर हो सके। इसमें बरती गई शिथिलता विद्यार्थी के प्रगति को अनुचित दिशा तो देती ही है, वरन साथ ही विद्यार्थी स्वयं, उसके सहपाठी आदि को अनावश्यक हानि पहुँचा सकती है। ऐसी घटना से न केवल विद्यालय की प्रतिष्ठा प्रभावित होती है बल्कि अन्य विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का विश्वास भी प्रभावित होता है। इसी अनावश्यक दुर्घटना के घटित ना होने की जागरूकता हेतु, विद्यालय में किसी भी प्रकार का धारदार हथियार, नुकीली वस्तुएं आदि लानी निषिद्ध रहेगी। इसके तहत किसी भी प्रकार के धारदार हथियार जैसे चाकू, घूरी, धारदार कैंची, या किसी भी नुकीली वस्तु को विद्यालय में लाना सख्त मना है।
ऐसे किसी भी वस्तु का लाना एवं प्रयोग, सुरक्षा और अनुशासन के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। इस संबंध में विद्यार्थियों के अतिरिक्त संस्थाप्रधान, शिक्षक एवं अभिभावकों की सजगता आवश्यक है। संस्था प्रधान के दायित्व संस्था प्रधान न केवल इसकी उद्घोषणा, आदेश के रूप में सूचना पट्ट पर चस्पा करेंगे साथ ही प्रार्थना सभा में उक्त के संबंध में जानकारी देगें। ऐसे विषय पर अध्यापक अभिभावक परिषद की बैठक में भी विमर्श करेंगे। शिक्षक का दायित्व शिक्षक का दायित्व है कि उक्त व्यवस्था की निगरानी के लिए रैण्डम रूप से विद्यार्थियों के बैग, डेस्क, और व्यक्तिगत वस्तुओं की नियमित जांच होगी।
व्यवहार का नियमित प्रबोधन भी विद्यार्थी के व्यवहार में हुए आकस्मिक परिवर्तन को व्यक्त कर देता है। ऐसे विद्यार्थियों के लिए शिक्षक को अतिरिक्त सावधानी रखते हुए संवेदनशील होना चाहिए । अभिभावकों का दायित्व अभिभावकों की जिम्मेदारी हैं, कि वे अपने बच्चों को इन वस्तुओं के खतरों के बारे में जागरूक करें और उन्हें इस प्रकार की वस्तुएं विद्यालय में न लाने के लिए प्रोत्साहित करें। कभी कभी बच्चे के बैग को जांच ले। बच्चे में हुए व्यवहारगत परिवर्तन को जानते ही सजग हो जाए। शिक्षक से नियमित सम्पर्क में रहें। यदि किसी विद्यार्थी को धारदार हथियार या नुकीली वस्तुएं विद्यालय में लाते हुए पाया जाता है, तो संस्था प्रधान उसके अभिभावक के सम्पर्क करें आवश्यकता हो तो विद्यार्थी विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही करें। विद्यार्थियों के बेहतर अध्ययन के साथ साथ एक सुरक्षित और सकारात्मक शैक्षिक वातावरण देना भी विद्यालय का उद्देश्य है। अतः समस्त संस्था प्रधान यह सुनिश्चित करे, कि विद्यालय का कोई विद्यार्थी धारदार हानि पहुँचा सकने वाली वस्तु विद्यालय परिसर में नहीं लाए कि भय का वातावरण अथवा किसी विद्यार्थी को हानि हो ।

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